शिक्षकों की देखरेख में छात्र सीखेंगे बागवानी। स्कूल का माहौल भी होगा बेहतर, इस कार्य के लिए प्रति विद्यालय 5000 रूपये की धनराशि मिलेगी।
एक बार फिर परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में किचन गार्डन के लिए प्रत्येक विद्यालय को पांच-पांच हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। इसके जरिए स्कूलों में सब्जियां, फल और फूल उगाए जाएंगे। इसके माध्यम से छात्रों को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों की देखरेख में छात्र सीखेंगे बागवानी। स्कूल का माहौल भी बेहतर होगा।

परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में हरियाली सुनिश्चित करने के लिए शासन स्तर से हर वर्ष वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाकर इन्हें हरा-भरा बनाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में गार्डन बनाने का फैसला लिया। स्कूलों में लौकी, लौकी, करेला और भिंडी जैसी मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। फलों में केला, पपीता, अनार व अमरूद आदि के पौधे लगाये जायेंगे। गार्डन के रखरखाव के लिए प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। छात्रों के सहयोग से ही इसमें सुधार होगा। उन्हें बागवानी के गुर सिखाए जाएंगे। पूर्व में लगाए गए पौधों के साथ ही दोबारा होने जा रहा यह प्रयास परिसर को और हरा-भरा बनाएगा। मध्याह्न भोजन में भी पौष्टिक सब्जियां मदद करेंगी। बच्चों को सब्जियों, फलों और फूलों के संबंध में भी जानकारी मिलेगी। बीएसए संजीव कुमार ने बताया कि शासन स्तर से बजट जारी करने के निर्देश मिल गए हैं। जल्द ही स्कूलों को आवंटन कर दिया जाएगा।
विशेष किचन गार्डन चिह्नित किये जायेंगे
बच्चों में शुरू से ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए यह पहल की जा रही है। न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर अच्छे उद्यानों को सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके जरिए शिक्षक और छात्र किस तरह के प्रयोग कर रहे हैं, इसकी जानकारी अन्य स्कूलों को भी दी जाएगी। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय जिलों से यह भी जानकारी लेगा कि स्कूलों को दिए गए बजट से उद्यान तैयार किए गए हैं या नहीं। फिर स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण कर सत्यापन किया जाएगा। विशेष किचन गार्डन भी चिन्हित किये जायेंगे।