प्रदेश के 1.68 लाख शिक्षामित्र-अनुदेशक मानदेय बढ़ाने को लेकर देख रहे राहत की राह

प्रदेश के 1.68 लाख शिक्षामित्र-अनुदेशक मानदेय बढ़ाने को लेकर देख रहे राहत की राह

प्रदेश के 1.68 लाख शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की उम्मीद बढ़ गई है। इनका मानदेय बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश सरकार सकारात्मक फैसला लेगी। अब समिति की रिपोर्ट का सभी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।

प्रदेश में इस समय 1,43,450 शिक्षामित्र और 25,223 अनुदेशक कार्यरत हैं। शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये और अनुदेशकों को 9,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है। इनमें से करीब 60 हजार शिक्षामित्र टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण कर चुके हैं। इन शिक्षामित्रों को उम्मीद है कि उनकी योग्यता और मेहनत को देखते हुए सरकार मानदेय बढ़ाने का बड़ा निर्णय करेगी। इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी की अनिवार्यता कर दी है। इस आदेश से बगैर टीईटी वाले शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। वे अपनी नौकरी और भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। 

वहीं, टीईटी पास शिक्षामित्रों को भरोसा है कि योग्यता आधारित नीति के तहत उन्हें वरिष्ठता और बेहतर मानदेय मिलेगा। सभी का मानना है कि सरकार समिति की रिपोर्ट के बाद जल्द ही ठोस निर्णय लेगी। इससे न केवल शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधरेगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सरकार मानदेय में बढ़ोत्तरी कर शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की लंबी समय से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है।

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