प्राथमिक विद्यालय केवल भवन नहीं, समाज के भविष्य की नींव : सीएम योगी आदित्यनाथ
प्राथमिक विद्यालय केवल भवन नहीं, समाज के भविष्य की नींव : सीएम योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि हर जिले में वहां के जिलाधिकारी और बीएसए की अगुवाई में टीमें बनाकर स्कूलों का भौतिक निरीक्षण कराया जाए। साथ ही निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों की भौतिक स्थिति की व्यापक समीक्षा की जाए। बाद में हर जिले से विस्तृत प्रगति रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में परिषदीय विद्यालयों की स्थिति को लेकर यह जरूरी दिशा-निर्देश दिए। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने स्कूलों में गंदगी और जर्जर भवनों की खबरें प्रकाशित की थीं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर उच्चस्तरीय बैठक कर ये निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोई भी विद्यालय जर्जर भवन, गंदगी अथवा बुनियादी सुविधाओं की कमी से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों की भौतिक स्थिति की व्यापक और सघन समीक्षा कराई जाए। इस दौरान स्कूल भवन की मजबूती, पेयजल, शौचालय, विद्युत, फर्नीचर, दीवारों की रंगाई-पुताई, रैम्प की सुविधा और बच्चों के बैठने की व्यवस्था जैसे सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा की जाए। खामी पर वहां त्वरित सुधार शुरू कर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
विभागीय बजट-सीएसआर फंड से कराएं मरम्मत-पुनर्निर्माण
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन विद्यालयों के भवन पूर्ण जर्जर हैं, वहां बच्चों को तत्काल अस्थायी स्थानों पर स्थानांतरित कर मरम्मत या पुनर्निर्माण यथाशीघ्र शुरू कराएं। इसके लिए विभागीय बजट के साथ सीएसआर फंड का उपयोग कर चरणबद्ध कार्य योजना बनाएं। सांसदों, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित कर उन्हें भी सहभागी बनाया जाए।
प्राथमिक विद्यालय भविष्य की नींव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय केवल भवन नहीं, समाज के भविष्य की नींव हैं। इन्हें उपेक्षित नहीं छोड़ा जा सकता। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 96%स्कूलों में शौचालय, पुस्तकालय, बिजली, स्मार्ट क्लास है। आरटीई के तहत वर्ष 2024-2025 में प्रदेश में 4.58 लाख नामांकन हुए हैं।