Mission Shakti 5.0: योगी सरकार की अनूठी पहल, प्रदेश की 7500 बेटियां एक दिन के लिए बनेंगी अधिकारी

योगी सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान को मजबूत करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अहम पहल की है. प्रदेश के परिषदीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की छात्राओं को प्रशासनिक कार्यों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने के साथ ही उनमें आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए उन्हें एक दिन के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।


Mission Shakti 5.0

प्रदेश की बेटियों के सशक्तिकरण के लिए योगी सरकार की ओर से की गई इस अहम पहल के तहत हर जिले से 100 बेटियों समेत कुल 7500 बेटियों को एक दिन के लिए अफसर बनने का मौका मिलेगा. इससे उनमें कौशल एवं नेतृत्व क्षमता का विकास होगा। इसकी योजना तैयार कर ली गयी है।


बेटियां डीएम, सीडीओ और  बीएसए बनेंगी 

प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं को प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव कराना तथा उनमें आत्मविश्वास एवं नेतृत्व जैसे गुणों का विकास करना है। चयनित लड़कियां डीएम, सीडीओ, बीएसए, खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार, डीआईओएस जैसे पदों पर एक दिन के लिए काम करेंगी। इस योजना के तहत कासगंज जिले की टॉपर भूमिका और संभल की शालू पहले ही एक दिन के लिए प्रतीकात्मक रूप से डीएम बन चुकी हैं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। सरकार का यह सकारात्मक प्रयास बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में उनके योगदान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


बेटियों में नेतृत्व करने की भावना जागृत होगी 

उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया में उन लड़कियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो अपने कौशल के लिए जानी जाती हैं और जिनमें नेतृत्व के गुण उभर कर सामने आ रहे हैं. इस कार्यक्रम में सभी जाति, वर्ग एवं वर्ग की लड़कियों को समान अवसर प्रदान किये जायेंगे। सरकार का यह प्रयास बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें प्रशासनिक कार्यों की जमीनी स्तर की समझ देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मिशन शक्ति के माध्यम से सरकार की यह पहल उन लड़कियों के लिए एक बेहद की सकारात्मक और सुनहरा मौका है जो अपनी नेतृत्व क्षमता का एहसास करना चाहती हैं और समाज में बदलाव लाने की इच्छा रखती हैं।


लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे 

इस योजना के तहत चयनित लड़कियां एक दिन के लिए सरकारी अधिकारियों की भूमिका निभाएंगी। वह न सिर्फ लोगों की समस्याएं सुनेंगी बल्कि उनके समाधान में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगी. यह अनुभव उन्हें उनकी निर्णय लेने की क्षमता और क्षमताओं को निखारने में मदद करेगा, जो उनके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।


शालू और भूमिका पहले ही एक दिन के लिए बन चुकी हैं डीएम

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद संभल जिले के बहजोई स्थित केजीबीवी की छात्रा शालू और कासगंज जिले की टॉपर छात्रा कुमारी भूमिका को एक दिन के लिए प्रतीकात्मक जिलाधिकारी बनाया जा चुका है। इस दौरान शालू ने मिशन शक्ति की बैठक का सफल संचालन किया, अधिकारियों का परिचय लिया और मिशन शक्ति के कार्यों की रूपरेखा पर निर्देश दिए, वहीं कासगंज की टॉपर भूमिका ने सुरक्षा, सम्मान और आत्म-सम्मान के लिए चलाए जा रहे मिशन की सराहना की। 

इसी तरह कस्तूरबा गांधी विद्यालय, चित्रकूट की छात्रा मनोरमा पटेल को भी प्रतीकात्मक रूप से एक दिन के लिए डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) बनाया गया। इस दौरान मनोरमा ने अधिकारियों की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और विभिन्न मामलों की समीक्षा की। इसके अलावा केजीबीवी की लड़कियों को मुख्य विकास अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग एवं कल्याण अधिकारी और खंड विकास अधिकारी के रूप में एक दिन के लिए अधिकारी बनने का भी मौका मिला है। आपको बता दें कि चित्रकूट जिले की पारो नाम की छात्रा को भी एक दिन के लिए बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) बनाया गया था, इस दौरान पारो ने भी इन लड़कियों की तरह विभागीय सुनवाई जैसे कार्य किए और उनके समाधान के निर्देश दिए।


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