प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों हेतु शिक्षक संकुल बैठक माह अक्टूबर 2025 का एजेंडा देखें

प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों हेतु शिक्षक संकुल बैठक माह अक्टूबर 2025 का एजेंडा देखें

Shikshak Sankul Meeting October 2025

शिक्षा विभाग द्वारा नवाचारी एवं उत्कृष्ट शैक्षिक प्रथाओं को साझा करने, निपुण लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति हेतु विचार-विमर्श और आगामी रणनीतियों के विकास के उद्देश्य से प्रत्येक माह शिक्षक संकुल की एजेण्डा आधारित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

Shikshak Sankul Meeting October 2025

अक्टूबर 2025 में शिक्षक संकुल बैठकों का आयोजन निम्नलिखित सुसंगत निर्देशों के अनुसार किया जाना है।

1. बैठक का आयोजन और समय

दिनांक 24 अक्टूबर, 2025 (शुक्रवार) को शाम 2:30 बजे से 4:00 बजे तक शिक्षक संकुल बैठक आयोजित की जाएगी। ये बैठकें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए पृथक रूप से संपन्न होंगी। प्रत्येक बैठक का एजेंडा पूर्व निर्धारित बिन्दुओं के अनुसार होगा, ताकि चर्चा प्रभावी और केंद्रित हो।

2. एजेंडा आधारित तैयारी

शिक्षक संकुलों को बैठक के पूर्व एजेंडा बिंदुओं का आपसी विभाजन कर तैयारियां सुनिश्चित करनी होंगी। इससे प्रत्येक सत्र का संचालन प्रभावी ढंग से हो पाएगा और शिक्षक समर्पित रूप से अपने विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

3. शैक्षिक सामग्री का उपयोग

बैठक के दौरान शिक्षक संदर्शिका, प्रिंटरिच सामग्री किट्स, तालिका आदि शैक्षिक सामग्री के कक्षा शिक्षण में प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किए जाएंगे। इससे न केवल शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि छात्रों की सीखने की प्रक्रिया भी सशक्त होगी।

4. प्रशासनिक सहभागिता

प्राचार्य, डायट मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक (प्रशिक्षण), डायट मेंटर, एसआरजी एवं एआरपी आदि शिक्षा क्षेत्र के प्रमुख अधिकारी अनिवार्य रूप से प्रत्येक शिक्षक संकुल की बैठक में भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। उनका उद्देश्य शिक्षकों को निपुण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित करना और मार्गदर्शन प्रदान करना होगा।

5. बैठक की रिपोर्टिंग

बैठक के समापन के बाद शिक्षक संकुल प्रेरणा ऐप पर उपलब्ध डीसीएफ (डाटा कलेक्शन फॉर्म) में बैठक संबंधी सभी आवश्यक सूचनाएं दर्ज करेंगे। इससे बैठकों की पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता और दस्तावेज़ीकरण सुनिश्चित होगा।

निष्कर्ष

मासिक शिक्षक संकुल बैठकों का यह आयोजन शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देगा। शिक्षकों के बीच संवाद और अभिनव शिक्षण प्रथाओं के आदान-प्रदान से निपुण लक्ष्य को समय सीमा में प्राप्त किया जा सकेगा। साथ ही, प्रशासनिक स्तर पर भी एकजुट होकर शिक्षकों को मार्गदर्शन और सहयोग मिला, जिससे समग्र शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होगा।इस तरह के सतत प्रयासों से शिक्षकों की भूमिका न केवल सशक्त होगी बल्कि छात्रों के शैक्षिक विकास में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे।

बैठक का एजेंडा - प्राथमिक स्तर 

शिक्षक संकुल बैठक अक्टूबर 2025” प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों हेतु है, जिसमें शिक्षकों की सीखने की प्रक्रिया, शिक्षण की गुणवत्ता, प्रशिक्षण से प्राप्त अनुभवों की समीक्षा तथा विद्यालय स्तर पर गतिविधियों की योजना बनाने पर बल दिया गया है।

आइए देखें प्राथमिक विद्यालयों के लिए निर्धारित एजेंडा के बिंदु

1. हमारी सीख प्रक्रिया – आत्मचिंतन की शुरुआत

बैठक का प्रथम सत्र “हमारी सीख प्रक्रिया” शीर्षक से आरंभ होता है। इसमें शिक्षकों को अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करने के लिए प्रेरित किया गया कि उन्होंने कोई कौशल (गाड़ी चलाना, गायन, नृत्य, भोजन बनाना आदि) कैसे सीखा।

इस चर्चा के माध्यम से यह समझ विकसित की जाती है कि सीखने की हर प्रक्रिया में “अनुमान, अभ्यास, सुधार और फीडबैक” जैसे चरण अनिवार्य होते हैं।

उद्देश्य यह है कि प्रत्येक शिक्षक अपनी शिक्षण प्रक्रिया में इन्हीं चरणों को अपनाकर विद्यार्थियों के सीखने के अनुभव को और अधिक सशक्त बना सके।

2. हमारे प्रयास (शेयरिंग) – अनुभव साझा करने का मंच

इस सत्र में शिक्षक छोटे समूहों में विभाजित होकर पिछले माह के कार्यान्वयन पर चर्चा करेंगे।

प्रत्येक समूह यह साझा करता है कि उन्होंने किस लर्निंग आउटकम पर सबसे प्रभावी कार्य किया और उस अनुभव से क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए। 

यह सहयोगात्मक अभ्यास न केवल शिक्षकों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि शिक्षण में आने वाली चुनौतियों के समाधान हेतु सामूहिक चिंतन को भी प्रोत्साहित करता है।

3. शिक्षक प्रशिक्षण से सीख – चुनौतियाँ और समाधान (3R Framework)

इस सत्र का उद्देश्य FLN प्रशिक्षण से प्राप्त अनुभवों की समीक्षा करना है। इसमें “3R Framework – Recall, Reflect, Rebuild” के अंतर्गत शिक्षकों से निम्न प्रश्नों पर विचार-विमर्श कराया जाता है –

  • प्रशिक्षण का कौन-सा भाग सबसे अधिक उपयोगी रहा?
  • किन रणनीतियों को विद्यालय में लागू किया गया?
  • किन कठिनाइयों या अवरोधों का सामना करना पड़ा?
  • भविष्य के प्रशिक्षण में किन सुधारों की आवश्यकता है?
यह सत्र शिक्षकों को आत्ममंथन और नवाचार की दिशा में प्रेरित करता है।

4. अकादमिक आवश्यकताओं हेतु नियोजन

शिक्षकों को अपनी कक्षा के लिए तीन प्रमुख लर्निंग आउटकम की पहचान कर, उन पर आधारित गतिविधियों की योजना बनाने को कहा गया। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि हर शिक्षक कम से कम एक प्रभावी शिक्षण पद्धति या उपकरण का प्रयोग अवश्य करे।

5. स्मार्ट क्लास, टैबलेट एवं ICT लैब का प्रभावी उपयोग

शिक्षकों को विद्यालयों में उपलब्ध डिजिटल संसाधनों (DIKSHA ऐप, Energized Textbooks, QR कोड वीडियो आदि) के उपयोग पर मार्गदर्शन दिया जायेगा।

ICT शिक्षकों द्वारा स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षण का डेमो भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कैसे तकनीक शिक्षण को अधिक रोचक और सहभागितापूर्ण बना सकती है।

6. विभागीय प्राथमिकता एवं प्रशंसा सत्र

इस सत्र में विभाग द्वारा प्रदान की गई नई योजनाओं एवं संसाधनों – जैसे Sports Grant, TLM Grant, Eco Clubs for Mission Life – की जानकारी साझा की जाएगी। साथ ही, उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों की सराहना भी की जाय ताकि अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिले।

बैठक का एजेंडा - उच्च प्राथमिक स्तर

उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए निर्धारित एजेंडा के बिंदु निम्नलिखित हैं - 

1. हमारी सीख प्रक्रिया

बैठक की शुरुआत “हमारी सीख प्रक्रिया” विषय से की जाएगी। जिसके तहत सभी शिक्षकों से यह प्रश्न रखा गया कि —

“हमने जब कोई नया कौशल सीखा (जैसे गाड़ी चलाना, गायन, नृत्य, भोजन बनाना आदि), तो उस कौशल को सीखने के कौन-कौन से चरण रहे?”

इस चर्चा के माध्यम से यह निष्कर्ष निकाला गया कि किसी भी सीख की प्रक्रिया में एक्सपोजर, अनुमान, अभ्यास, फीडबैक और सुधार (reflection) जैसे चरण आवश्यक हैं।

शिक्षकों ने यह समझा कि विद्यार्थी भी इन्हीं चरणों से गुजरते हुए सीखते हैं, इसलिए कक्षा में गतिविधियाँ इसी सीख-चक्र के अनुरूप आयोजित की जानी चाहिए।

2. हमारे प्रयास (शेयरिंग)

इस सत्र में शिक्षकों को छोटे समूहों में बाँटा गया, जहाँ उन्होंने अपने अनुभव साझा किए —
पिछली बैठक के निर्णयों के अनुरूप किन-किन कार्यों को उन्होंने अपनी कक्षा में लागू किया और उसका क्या प्रभाव पड़ा।
सभी समूहों ने अपने सबसे सफल प्रयासों को साझा किया ताकि अन्य शिक्षक उनसे प्रेरणा ले सकें।
इस अभ्यास से न केवल आत्मचिंतन बढ़ता है बल्कि शिक्षकों में टीमवर्क और सहयोग की भावना भी प्रबल होती है।

3. स्मार्ट क्लास, टैबलेट एवं ICT लैब का प्रभावी उपयोग

शिक्षण में तकनीक के प्रभावी उपयोग को लेकर यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
शिक्षकों को विद्यालयों में उपलब्ध स्मार्ट क्लास, टैबलेट एवं ICT लैब के संसाधनों के नियमित उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया।
साथ ही DIKSHA ऐप, Energized Textbooks, QR कोड आधारित वीडियो सामग्री आदि का प्रयोग कर कक्षा शिक्षण को अधिक रोचक और सहभागितापूर्ण बनाने पर बल दिया गया।
ICT शिक्षक द्वारा स्मार्ट क्लास के माध्यम से डेमो क्लास भी प्रस्तुत की गई।

4. अकादमिक आवश्यकताओं हेतु नियोजन

प्रत्येक शिक्षक को अपनी कक्षा के पाठ्यक्रम के आधार पर तीन प्रमुख लर्निंग आउटकम (LOs) की पहचान कर, उन पर आधारित गतिविधियों की योजना बनाने को कहा गया।
शिक्षकों ने तय किया कि वे प्रत्येक LO हेतु कम से कम एक सटीक गतिविधि करेंगे, गतिविधियों के लिए स्वयं द्वारा तैयार या स्थानीय रूप से उपलब्ध शिक्षण-सामग्री का उपयोग करेंगे, और विद्यार्थियों के फीडबैक के आधार पर अपनी विधियों में सुधार करेंगे। इससे कक्षा शिक्षण अधिक उद्देश्यपूर्ण और परिणाम आधारित बनेगा।

5. विभागीय सूचना सत्र

इस सत्र में राज्य परियोजना कार्यालय से प्राप्त विभिन्न योजनाओं और अनुदानों की जानकारी साझा की गई, जैसे — Sports Grant, TLM Grant, Eco Clubs for Mission Life

शिक्षकों से यह भी पूछा गया कि क्या उनके विद्यालयों में CIIL, NBT, FLN प्रशिक्षण सामग्री आदि प्राप्त हुई हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि प्राप्त अनुदान का सदुपयोग करते हुए संबंधित गतिविधियों का संचालन समय पर हो।

6. विभागीय प्राथमिकता एवं प्रशंसा सत्र

इस सत्र में पोर्टल पर अपलोड की गई नवीनतम समय-सारणी की समीक्षा की गई और शिक्षकों को विद्यालय में चल रही अन्य गतिविधियों जैसे —
Sports Club, Reading Club, Math Club, Digital Literacy Club आदि के गठन और क्रियान्वयन पर चर्चा की गई।
जिन शिक्षकों ने विद्यालय में उत्कृष्ट नवाचार किए, उनकी प्रशंसा की गई।

7. समापन एवं धन्यवाद

बैठक का समापन प्रमुख बिंदुओं की पुनरावृत्ति और सभी प्रतिभागी शिक्षकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।

श्री आनन्द कुमार पाण्डेय, वरिष्ठ विशेषता गुणवत्ता शिक्षा अधिकारी द्वारा यह संदेश दिया गया कि —

“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षक ही सबसे प्रमुख स्तंभ हैं। उनके नवाचारी प्रयास ही विद्यार्थियों की वास्तविक सीख सुनिश्चित कर सकते हैं।”

✨ निष्कर्ष

अक्टूबर 2025 की यह शिक्षक संकुल बैठक शिक्षकों के लिए आत्ममूल्यांकन, अनुभव साझा करने और डिजिटल शिक्षण में दक्षता बढ़ाने का सशक्त माध्यम सिद्ध हुई।

इस बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि सहयोग, नवाचार और सतत सीखने की भावना से ही विद्यालयी शिक्षा में वास्तविक परिवर्तन संभव है।

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