प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 68500 शिक्षक भर्ती में बचे हुए 27713 पदों पर नियुक्ति का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों वाली बेंच ने सात अक्टूबर 2025 को शिक्षामित्रों और बीटीसी, डीएलएड अभ्यर्थियों की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया। इस तरह 33/30 कटऑफ की मांग पर चल रहा वर्षों पुराना विवाद अब खत्म हो चुका है।
भर्ती का विवाद
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रारंभिक विज्ञापन के अनुसार अनारक्षित वर्ग का न्यूनतम कटऑफ 45 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग का 40 प्रतिशत रखा गया था। बाद में सरकार ने इसे घटाकर क्रमशः 33 प्रतिशत और 30 प्रतिशत कर दिया था। इस बदलाव के खिलाफ उच्च न्यायालयों में कई बार सुनवाई हुई और अंततः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अगस्त 2024 के आदेश में भर्ती प्रक्रिया को 45/40 कटऑफ के आधार पर ही मान्य किया, साथ ही रिक्त पदों पर दो माह में भर्ती आदेश दिए।
अदालत का अंतिम फैसला
हालिया सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में अभ्यर्थियों की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो गई, जिससे स्पष्ट हो गया कि 68500 भर्ती के लिए 45/40 कटऑफ ही लागू रहेगा और बचे हुए 27713 रिक्त पदों पर अब सीधे चयन की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकेगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि भर्ती पारदर्शी और न्यायसंगत ढंग से आगे बढ़ेगी।
निष्कर्ष
68500 शिक्षक भर्ती में लंबा चला आ रहा कटऑफ विवाद, सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के साथ खत्म हो गया है। अब राज्य सरकार को कोर्ट के निर्देशानुसार शीघ्र ही रिक्त 27713 पदों पर भर्ती की कार्यवाही शुरू करनी होगी, जिससे हजारों अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी।


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