लखनऊ। प्रदेश के करीब 4000 ऐसे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं जहां केवल एक ही शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा है। इस स्थिति में छात्रों को प्रभावी शिक्षा देना संभव नहीं हो पा रहा। इस समस्या के समाधान के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है, जिसमें इन विद्यालयों में और शिक्षकों की तैनाती की योजना बनाई गई है।
योजना की रूपरेखा
शासन की मंजूरी मिलने के बाद जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी जो यह तय करेगी कि किन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक भेजे जा सकते हैं। यह कमेटी जिले के उन स्कूलों की पहचान करेगी जहां शिक्षक संख्या की अधिकता है और वहां से शिक्षकों को एकल शिक्षक विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि वहां पढ़ाई की गुणवत्ता बेहतर हो सके।
समस्या और समाधान
प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में जहां क्लास 1 से 5 तक पढ़ाने के लिए अधिकांशतः एक ही शिक्षक होता है, वहीं उच्च प्राथमिक स्कूलों में भी कक्षा 6 से 8 तक कई विद्यालयों में एकल शिक्षक हैं। इस कारण छात्रों को समुचित शिक्षा नहीं मिल पा रही। नई योजना से हर स्कूल में कम से कम दो शिक्षक होंगे, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
पूर्व की पहल
पिछले वर्षों में भी विभाग ने कई बार शिक्षकों का तबादला एवं समायोजन कर एकल विद्यालयों की संख्या कम करने का प्रयास किया है। इसके बावजूद फिलहाल लगभग 4000 ऐसे विद्यालय बच गए हैं जहां अभी भी अतिरिक्त शिक्षक की आवश्यकता है। प्रस्तावित तैनाती कार्रवाई से यह संख्या और कम हो जाएगी


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