मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) न देना, अवमानना संग महिला कर्मचारी के अधिकारों का हनन

मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) न देना, अवमानना संग महिला कर्मचारी के अधिकारों का हनन

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद मातृत्व अवकाश की मांग खारिज करने पर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए। यह न केवल अदालत के आदेश का उल्लंघन है बल्कि महिला कर्मचारी के मौलिक अधिकारों का हनन भी है।

न्यायमूर्ति अजीत कुमार की अदालत ने सुश्री पटेल की ओर से दाखिल याचिका पर फैसला दिया है। मिजापुर में तैनात याची उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में तैनात हैं। उसने दूसरी बार मातृत्व अवकाश मांगा था, जिसे विभाग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दो प्रसवों की बीच दो साल का अंतर अनिवार्य है।

आदेश में कहा गया कि 2024 में याची का यह दूसरा प्रसव है, इसी याचिका में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि 2022 की गर्भावस्था पर कोर्ट में विवाद नहीं है। विभाग को निर्देश दिए गए थे कि निदेशक ने पुनः अवकाश की मांग अस्वीकार कर दिया। इससे खफा कोर्ट ने निदेशक प्रश्न के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर एक सितंबर को अदालत ने व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

Next Post Previous Post
sr7themes.eu.org