अभी तक नहीं हो सकी शिक्षामित्रों की घर वापसी, जानिए! शासनादेश जारी होने के बाद अब कहां फंस रहा शिक्षामित्रों की घर वापसी में पेच?

अभी तक नहीं हो सकी शिक्षामित्रों की घर वापसी, जानिए! शासनादेश जारी होने के बाद अब कहां फंस रहा शिक्षामित्रों की घर वापसी में पेच?

आठ साल के इंतजार के बाद 03 जनवरी 2025 में शासनादेश जारी किया गया कि शिक्षामित्र अब अपने घर के पास स्थित परिषदीय स्कूलों में आ सकेंगे। उसके बाद से शिक्षामित्र फिर इंतजार कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने अब तक तबादला प्रक्रिया शुरू नहीं की है और न ही इस बाबत कोई नया आदेश जारी किया है।

सहायक अध्यापक बनने के बाद ऐसे दूर हुए थे शिक्षामित्र

सपा सरकार में प्रदेश के करीब 1.37 लाख शिक्षामित्रों को परिषदीय विद्यालयों में सहायक शिक्षक बनाया गया था। शिक्षक बनने पर उनको दूर-दराज के ब्लॉक में पोस्टिंग दी गई थी। शिक्षक बनने पर उन्होंने खुशी-खुशी दूर-दराज के स्कूलों में जाना स्वीकार कर लिया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनका बतौर शिक्षक किया गया समायोजन रद्द करते हुए पुनः शिक्षामित्र के पद पर रिवर्ट कर दिया गया। ऐसे में उनका मानदेय फिर से 10 हजार ही रह गया लेकिन उनकी तैनाती वहीं रह गई जहां वे शिक्षक बन कर गए थे और वे अपने घर से दूर हो गए।

सरकार ने 2018 में शिक्षा मित्रों को अपने मूल विद्यालय में आने का मौका दिया था। ऐसे में करीब एक लाख शिक्षा मित्र तो उस समय वापस आ गए। बाकी करीब 35 हजार शिक्षा मित्र शिक्षक बनने उम्मीद में अपने मूल विद्यालय में नहीं आए। उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ी जा रही है। ऐसे में वे शिक्षक बन सकते हैं। नए शासनादेश ने उनको मौका दिया है कि वे अपने घर के नजदीकी स्कूल में आ सकते है लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू न होने से निराश है।

दरअसल, कुछ ऐसी महिला शिक्षामित्र भी है, जिनकी शादी हो गई है। कुछ की शादी दूसरे जिले में और कुछ की जिले में ही काफी दूर हो गई है। शासनादेश के अनुसार, उनको अपनी ससुराल के नजदीकी स्कूल में जाने का मौका भी मिलेगा। 

सूत्रों के अनुसार, शासन स्तर पर इसी को लेकर फिर नया पेंच फंस गया है। अधिकारी यह तर्क भी दे रहे हैं कि शिक्षामित्र संविदा पर हैं। नियमित महिला शिक्षकों को तो तबादलों में ससुराल का विकल्प चुनने का मौका दिया जा सकता है, संविदाकर्मी को नहीं। इसे ध्यान में रखते हुए शासनादेश में संशोधन को लेकर भी अधिकारियों में मंथन चल रहा है। इसी वजह से तबादला प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।

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