एनपीएस से ओपीएस में आए एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों/कार्मिकों की पत्रावलियां अलग-अलग तरह की आपत्तियां लगाकर निदेशालय द्वारा लौटाई जा रही हैं।
एनपीएस से ओपीएस में आए एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों/कार्मिकों की पत्रावलियां अलग-अलग तरह की आपत्तियां लगाकर निदेशालय द्वारा लौटाई जा रही हैं।
प्रयागराज: नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के दायरे में आए सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों/कर्मचारियों की फाइलें विभिन्न प्रकार की आपत्तियों के साथ वापस की जा रही हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से सहायक शिक्षा निदेशक अजय कुमार सिंह ने ऐसे शिक्षकों की सूची संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को भेजकर आपत्तियों का निस्तारण कर अविलंब वांछित आख्या/अभिलेख मांगा है। आवेदन के दो माह बाद ओपीएस के अंतर्गत आने वाले शिक्षकों की फाइलें लौटाए जाने को आपत्तिजनक बताया है।
अकेले लखनऊ जिले से 72 शिक्षकों की सूची जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी गई है। किस शिक्षक की फाइल में क्या आपत्ति है, यह स्पष्ट करने के साथ ही आपत्ति दूर करने को कहा गया है। अधिकांश आपत्तियां इस बात को लेकर हैं कि कार्यभार ग्रहण करने की प्रतिलिपि संलग्न नहीं है, सेवा पुस्तिका की प्रतिलिपि संलग्न नहीं है, सेवा जोड़ने के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं है, जीपीएफ कटौती का आधार स्पष्ट नहीं है, विकल्प पत्र अधूरा है आदि। यहां सवाल यह भी है कि क्या जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा बिना परीक्षण किए ही फाइलें भेज दी गईं? चूंकि कई शिक्षकों के पास चयन पैनल नहीं था, इसलिए शिक्षकों की मांग पर अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने निर्देश दिए थे कि चयन पैनल संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक उपलब्ध कराएंगे, लेकिन कुछ जिलों में शिक्षक अभी भी परेशान हैं। वरिष्ठ शिक्षक नेता ओमप्रकाश त्रिपाठी ने इस स्थिति पर कड़ी आपत्ति जताई है। कहा गया है कि आवेदन के दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद आपत्ति लगाकर प्रकरण वापस करना उचित नहीं है।