राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन 01 जनवरी 2025 से, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी की विस्तृत समय सारिणी
राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन 01 जनवरी 2025 से, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी की विस्तृत समय सारिणी

- बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी की विस्तृत समय सारिणी
- जिले में डायट प्राचार्य, प्रदेश में महानिदेशक की कमेटी चयन करेगी
- बेसिक अध्यापक 15 फरवरी तक भर सकेंगे आनलाइन फार्म
- प्राथमिक में 150 व उच्च प्राथमिक स्कूल में 105 छात्र जरूरी
लखनऊ. प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन एक जनवरी से शुरू हो रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
इसके मुताबिक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में तैनात शिक्षक इसके लिए आवेदन करेंगे। आवेदन 1 जनवरी से 15 फरवरी के बीच खुले रहेंगेजिला स्तरीय चयन समिति आवेदनों की जांच करेगी और तीन सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के प्रमाण पत्र और उनके आवेदन पत्र 16 फरवरी से 31 मार्च के बीच राज्य स्तरीय समिति को ऑनलाइन भेजेगी।
विभाग के विशेष सचिव यतींद्र कुमार के मुताबिक जिला स्तरीय चयन समिति से भेजे गए शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदनों की राज्य स्तरीय चयन समिति एक से 30 अप्रैल के बीच समीक्षा कर प्रक्रिया पूरी करेगी।
पांच सदस्यीय राज्य स्तरीय कमेटी गठित
जिला स्तर पर DIET प्राचार्य की अध्यक्षता में और राज्य स्तर पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा की अध्यक्षता में एक समिति इन आवेदनों की जांच करेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी। इसमें ऐसे शिक्षक जिनके खिलाफ विजिलेंस जांच नहीं चल रही है, 15 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं और सेवानिवृत्ति से पहले पांच साल की सेवा शेष है, वे आवेदन करेंगे।
इसके साथ ही यदि प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों का नामांकन 150 से कम, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 105 से कम और कंपोजिट विद्यालयों में 255 से कम है तो वहां के शिक्षक आवेदन नहीं कर सकेंगे। जिन शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है अथवा दंड दिया गया है, वे आवेदक नहीं होंगे। राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए हर जिले का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रत्येक जिले से कम से कम एक शिक्षक का चयन पुरस्कार के लिए होगा। अगर राज्य स्तरीय कमेटी जिलों से भेजे गए तीन-तीन शिक्षकों के नाम में से किसी से संतुष्ट नहीं है तो वह जिले से दो-दो शिक्षकों के और नाम मांग सकेगी। ताकि उसमें से किसी एक उपयुक्त शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया जा सके।