NIOS D.EL.ED डिप्लोमा : सुप्रीम कोर्ट का फैसला, NIOS से 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा दो साल के डिप्लोमा के बराबर नहीं है।
NIOS D.EL.ED डिप्लोमा : सुप्रीम कोर्ट का फैसला, NIOS से 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा दो साल के डिप्लोमा के बराबर नहीं है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) से 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा कोर्स 2 साल के डिप्लोमा के बराबर नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि सभी तथ्य बताते हैं कि NIOS से 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कारण NIOS से 18 महीने के D.El.Ed डिप्लोमा धारक नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं।
NIOS D.El.Ed डिप्लोमा सुप्रीम कोर्ट का आदेश
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने यह फैसला उत्तराखंड सरकार और जयवीर सिंह व अन्य की ओर से नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। पीठ ने उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें कहा गया था कि एनआईओएस से 18 महीने का डी.एल.एड डिप्लोमा कोर्स 2 साल की डिप्लोमा डिग्री के बराबर है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि हाई कोर्ट का यह कहना पूरी तरह से गलत है कि दोनों डिग्री बराबर हैं।
शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा है कि 'यह कहना घिसा-पिटा कानून है कि सरकार प्रशासनिक निर्देशों के जरिए वैधानिक नियमों में बदलाव नहीं कर सकती, लेकिन अगर नियम किसी खास बिंदु पर चुप हैं तो यह अंतर पैदा हो जाता है और ऐसे निर्देश जारी किए जाते हैं जो असंगत न हों नियम पहले ही बन चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हाई कोर्ट का निष्कर्ष है कि NIOS से प्रारंभिक शिक्षा में 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा है।
पीठ ने कहा कि एनसीटीई द्वारा 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 की अधिसूचनाओं के स्थान पर इस आशय की कोई अधिसूचना (18 महीने का डिप्लोमा कोर्स) जारी नहीं की गई है, जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता 2.5 वर्ष निर्धारित की गई है। 2 वर्ष का डिप्लोमा एक अनिवार्य योग्यता मानी जाती थी। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की ओर से वकील डी भारती रेड्डी और याचिकाकर्ता जयवीर सिंह व अन्य की ओर से वकील धनंजय गर्ग की दलीलें विस्तार से सुनीं. अधिवक्ता गर्ग ने कहा कि इस फैसले का उन शिक्षकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जो पहले से ही एनआईओएस से 18 महीने के डीएलएड डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन के आधार पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद 18 महीने का डिप्लोमा वाले नई शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे.
