लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में निपुण भारत मिशन को मिशन मोड पर लागू करने का फैसला किया है। मिशन का उद्देश्य है कि बुनियादी शिक्षा के स्तर को सुधारते हुए बच्चों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक क्षमता को सशक्त किया जाए। इस संबंध में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जारी सर्कुलर के अनुसार, जो विद्यालय मिशन के लक्ष्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, उन्हें ‘निपुण विद्यालय’ घोषित किया जाएगा। इन विद्यालयों को अन्य स्कूलों से अलग पहचान देने के लिए उनका विशेष लोगो पेंट कराया जाएगा। इसके साथ ही सत्र 2025-26 में भी सरकारी स्कूलों में ‘निपुण विद्यालय आकलन’ कराया जाएगा।

छात्रों का नियमित मूल्यांकन ‘निपुण ऐप’ के माध्यम से किया जाएगा, ताकि बच्चों की प्रगति की सतत निगरानी हो सके और वे आत्मविश्वास के साथ आकलन में भाग लें। विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिया है कि वे कक्षा में सकारात्मक, जीवंत और समावेशी वातावरण बनाएं जिससे बच्चों में सीखने की उत्सुकता बढ़े और उनकी उपस्थिति में सुधार हो।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों को संदर्शिका, कार्यपुस्तिका और अन्य शिक्षण सामग्री का प्रभावी उपयोग करना चाहिए ताकि सीखने की प्रक्रिया अधिक रोचक और व्यवहारिक बन सके। इससे न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि प्रदेश में निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति भी तेजी से हो सकेगी।

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