केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) की तैयारी हिंदी माध्यम से करने के नुकसान!
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) की तैयारी हिंदी माध्यम से करने के नुकसान!
अगर आपको लगता है की आपने अपनी बी.एड. या डीएलएड हिंदी माध्यम से करी है तो आपको CTET में भी हिंदी माध्यम ही चुनना चाहिए तो आप गलत सोच रहे हैं।
CTET में बाल विकास, गणित शिक्षाशास्त्र, सामाजिक विज्ञान शिक्षाशास्त्र इत्यादि की तैयारी अगर आप अंग्रेजी माध्यम में करेंगे तो आपको फायदा होगा।
CTET में बाल विकास तथा शिक्षाशास्त्र से सम्बंधित जो प्रश्न पूछे जाते हैं उनमे से अधिकतर को पढने के बाद आपको लगता होगा की ये क्या है ऐसा शब्द या सिद्धांत तो हमने कभी पढ़ा ही नहीं !!
वो इसलिए क्योंकि CTET का पेपर पहले अंग्रेजी माध्यम में बनाया जाता है फिर उसका हिंदी में अनुवाद किया जाता है।
अब हिंदी में अनुवादक जो होते हैं वो शिक्षा के क्षेत्र से तो सम्बंधित नहीं होते और अनुवाद के दौरान ऐसे शब्द उपयोग करते हैं की हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को ही हिंदी में लिखे प्रश्न समझ नहीं आते |
कुछ शब्दों के उदाहरण देखिये:
- निष्पादन - Performance
- संक्रिया - Operation
- पृष्ठपोषण - Feedback
- अंतरपरक - Differentiated
- प्रत्यास्मरण - Recall
- अनुकरण - Simulation
समस्या सिर्फ इतनी ही नहीं है।
कभी कभी तो गलत अनुवाद कर दिया जाता है और हिंदी माध्यम के विद्यार्थी गलत अनुवाद की वजह से प्रश्न का सही उत्तर पहचान ही नहीं पाते।
एक समस्या और भी है।
हम बाल विकास तथा शिक्षाशास्त्र से संबधित जो भी सिद्धांत पढ़ते हैं वे मुख्यत: विदेशी मनोवैज्ञानिको या शिक्षाविदों द्वारा लिखे गए हैं।
उन्होंने अपनी भाषा में सिद्धांत को बहुत अच्छे से व्यक्त किया है पर जब हम उस सिद्धांत को जबरदस्ती हिंदी में रूपांतरित करते हैं तो वह उतना सटीक व प्रभावी नहीं रह जाता है।
मुख्य रूप से तकनीकी शब्दों का हिंदी में अनुवाद तो बिलकुल ही बेकार होता है।
मेरा अनुभव यही बताता है की हिंदी माध्यम के विद्यार्थी भी अगर बाल विकास तथा शिक्षाशास्त्र को अंग्रेजी में पढ़े तो वो ज्यादा अंक प्राप्त करते हैं।
अभी CTET में लगभग 4 महीने बाकी हैं और अगर आप चाहे तो आप बड़े आराम से बाल विकास तथा शिक्षाशास्त्र की तैयारी अंग्रेजी माध्यम में कर सकते हैं।
आप अपने शिक्षण विषय जैसे की गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन इत्यादि की तैयारी चाहे किसी भी माध्यम में करें।
मगर बाल विकास, गणित शिक्षाशास्त्र, सामाजिक विज्ञान शिक्षाशास्त्र, विज्ञान शिक्षाशास्त्र, पर्यावरण अध्ययन शिक्षाशास्त्र इत्यादि की तैयारी अगर आप अंग्रेजी माध्यम में करेंगे तभी अधिक अंक प्राप्त कर पाएंगे।
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✍️निर्भय सिंह,लखनऊ।