राष्ट्रपति जी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई को 14 मई, 2025 से भारत के CJI के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी।
राष्ट्रपति जी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई को 14 मई, 2025 से भारत के CJI के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में मंजूरी दे दी है। न्यायमूर्ति बीआर गवई 14 मई, 2025 को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे।
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को भारत के महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुआ था। उनके पिता, स्वर्गीय आरएस गवई, बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल और एक सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता थे। न्यायमूर्ति गवई ने मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की और 1985 में अपना कानूनी करियर शुरू किया। उन्होंने 1987 में बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू करने से पहले एडवोकेट जनरल राजा एस भोंसले के साथ काम किया। उन्हें 14 नवंबर, 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 12 नवंबर, 2005 को वे स्थायी न्यायाधीश बने। हाईकोर्ट में 15 साल से अधिक समय तक रहने के बाद उन्हें 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया।
न्यायमूर्ति गवई अनुसूचित जाति समुदाय से भारत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे, उनसे पहले न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन 2007 से 2010 तक इस पद पर रहे थे।
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सर्वोच्च न्यायालय में अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति गवई की सिफारिश करके इस परंपरा का पालन किया।
