शैक्षिक सत्र 2025-26 में 'स्कूल चलो अभियान' के अंतर्गत विद्यालय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियाँ देखें।
शैक्षिक सत्र 2025-26 में 'स्कूल चलो अभियान' के अंतर्गत विद्यालय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियाँ देखें।
शासनादेश के आलोक में शैक्षिक सत्र 2025-26 में "स्कूल चलो अभियान" 02 चरणों में संचालित किया जायेगा ।
प्रथम चरण - दिनांक 01 अप्रैल से 15 अप्रैल, 2025 तक
द्वितीय चरण- दिनांक 01 जुलाई से 15 जुलाई, 2025 तक
स्कूल चलो अभियान के अन्तर्गत विद्यालय स्तर पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियाँ-
- सत्र के प्रथम दिवस को विद्यालयों को फूल, पत्तियों, रंगोली, झण्डियों, गुब्बारों आदि से सजाया जाए और विद्यालय आने वाले बच्चों को रोली-चंदन का टीका लगाकर, पुष्प देकर, माला पहनाकर स्वागत किया जाए।
- मध्याहन भोजन में बच्चों के लिए रूचिकर व्यंजन यथा- हलवा, खीर आदि बनाया जाए।
- न्याय पंचायत स्तर पर आउट ऑफ स्कूल बच्चों, छात्र नामांकन तथा छात्रों की नियमित उपस्थिति की स्थिति का विश्लेषण किया जाए।
- "स्कूल चलो अभियान" के द्वारा विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि तथा नामांकित छात्र-छात्राओं की नियमित उपस्थिति बढ़ाने के लिए समुदाय एवं अभिभावकों की सहभागिता (Community & Parental Engagement) सुनिश्चित की जाए ।
- विद्यालय स्तर पर 'स्कूल चलो अभियान' के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक नामांकन कराने के लिए स्थानीय समुदाय, विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों, माँ समूह के सदस्यों, क्षेत्रीय प्रभावशाली व्यक्तियों से सम्पर्क कर उनका सहयोग प्राप्त किया जाए।
- विद्यालय स्तर पर अभिभावकों की बैठक आयोजित की जाए तथा उन्हें सभी बच्चों के नामांकन और उन्हें स्कूल यूनिफार्म में नियमित रूप से विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया जाए।
- समान्यतः घरेलू कार्यों में संलिप्तता के कारण बालिकाओं में ड्रापआउट की सम्भावना अधिक रहती है। अतः बालिकाओं के शत प्रतिशत नामांकन एवम् उपस्थिति पर विशेष फोकस किया जाए तथा मीना मंच के बच्चों द्वारा विद्यालय स्तर पर नाटक का मंचन एवं आधा- फुल कॉमिक्स पर आधारित कहानियों का वाचन व चर्चा करायी जाए ।
- विद्यालयों में बच्चों की नियमित उपस्थिति का छात्र-छात्राओं के सीखने के स्तर को बढाने में महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। इस सम्बन्ध में अभिभावकों से बातचीत की जाए एवं उन्हें बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित किया जाय ।
- आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन किया जाए तथा शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित कराया जाए। इस हेतु वर्ष 2025-26 में कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जा रहा है किन्तु यह सुनिश्चित किया जाए कि 6 से 14 आयुवर्ग का कोई भी बच्चा नामांकन से वंचित न रहे ।
- आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिन्हांकन / नामांकन में मलिन बस्तियों, झुग्गी-झोपडियों, रेलवे स्टेशन के पास, ओवरब्रिज के नीचे अस्थायी आवास में रहने वाले परिवारों, परम्परागत कुटीर एवं लघु / सूक्ष्म उद्यमों में तथा ईंट-भट्ठों पर कार्यरत परिवारों तथा जनजाति एवं घुमन्तु समुदायों पर विशेष फोकस किया जाए।
- विद्यालय स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में अभिभावकों के समक्ष विद्यालय स्तर पर शैक्षिक तथा पाठ्य सहगामी गतिविधियों के आयोजन के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया जाए ।
- इस अभियान के फलस्वरूप होने वाले नामांकन में वृद्धि को विद्यालय की पंजिका में दर्ज किया जाए तथा पंजिका को नियमित रूप से अद्यतन रखा जाए। साथ ही नामांकन में हुयी वृद्धि को यू-डायस एवम् प्रेरणा पोर्टल पर अनिवार्यतः अंकित किया जाए।
- आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों का समुचित डॉक्यूमेंटेशन भी कराया जाए ।
प्रदेश में "स्कूल चलो अभियान" के सुचारू संचालन हेतु प्रत्येक जनपद को समग्र शिक्षा से रू0 2.0 लाख की धनराशि शासन द्वारा अनुमन्य की गयी है।