कृमि खत्म करने के लिए बच्चों को एलबेंडाजोल की टेबलेट खिलाने के बाद, अब फाइलेरिया खत्म करने को 1.10 करोड़ लोगों को खिलाई जाएगी दवा

कृमि खत्म करने के लिए बच्चों को एलबेंडाजोल की टेबलेट खिलाने  के बाद, अब फाइलेरिया खत्म करने को 1.10 करोड़ लोगों को खिलाई जाएगी दवा

11 फरवरी 2025 

लखनऊ। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में देश के 13 राज्यों के 111 जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। यूपी के 14 जिलों में यह अभियान शुरू हो गया है।

इन जिलों के चिह्नित 45 ब्लॉक के 1.10 करोड़ लोगों को फाइलेरिया की दवाएं खिलाई जाएंगी। आठ जिलों के 19 ब्लॉक में दो और छह जिले के 26 ब्लॉक में तीन दवाएं खिलाई जा रही हैं। फालेरिया अभियान के शुभारंभ के मौके पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और चिकित्सा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी ऑनलाइन जुड़े रहे।

प्रदेश में फाइलेरिया को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। सोमवार से शुरू हुए एमडीए कार्यक्रम के तहत लोगों को फाइलेरिया की दवाएं खिलाई जा रही हैं। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर अपने सामने ही पीड़ितों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिला रहे हैं। इसके लिए 8,816 टीमें और 1,763 पर्यवेक्षक लगाए गए हैं। दवा खाने के बाद कोई समस्या होती है तो उसे तत्काल देखने के लिए हर ब्लॉक में रैपिड रिस्पांस टीम भी लगाई गई है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष भी फरवरी और अगस्त में इस अभियान प्रदेश स्तर पर चलाया गया था।

इन जिलों में भी अभियान

अवध के जिले लखनऊ (ब्लॉक-गोसाईगंज), अमेठी (ब्लॉक-जामो और मुसाफिरखाना) और बाराबंकी (ब्लॉक-दरियाबाद, देवा, फतेहपुर, जाटाबरौली, बनीकोडर, रामनगर, हरख, सिद्धौर और बाराबंकी शहरी) ब्लॉक शामिल हैं।

इन्हें नहीं खिलाई जाएंगी दवाएं

अपर निदेशक (मलेरिया व वीबीडी) डॉ. एके चौधरी ने बताया कि एमडीए के दौरान दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को फाइलेरिया की दवाएं नहीं खिलाई जाएंगी। अल्बेंडाजोल गोली को चबाकर खानी हैं। मोर्बिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) यानि रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता की रोकथाम द्वारा लिम्फेडेमा से संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल और हाइड्रोसील के मरीजों का समुचित इलाज किया जा रहा है।

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