राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के समय याद रखने योग्य बातें
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के समय याद रखने योग्य बातें
1- 19 साल के सभी बच्चों / किशोर / किशोरियों को कृमि नियंत्रण की दवाई (एल्बेंडाजॉल) सभी स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर निःशुल्क खिलाई जाएगी। गैर-पंजीकृत और स्कूल ना जाने वाले बच्चों को भी यह दवाई नज़दीकी आंगनवाड़ी केन्द्र में खिलवाएं।
सुनिश्चित करें कि दवाई देते समय निम्नलिखित सुविधाएं जरूर उपलब्ध हों-
- पर्याप्त मात्रा में दवाई
- लाभार्थी का नाम दर्ज करने के लिए प्रपत्र
- पीने के लिए साफ पानी और गिलास
एल्बेंडाजॉल खिलाने का तरीका

महत्वपूर्ण निर्देश
- जो बच्चे बीमार हैं या कोई दवाई ले रहे हैं, उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई नहीं खिलाई जाएगी
- शिक्षक एल्बेंडाजॉल खिलाने से पहले खांसी, बुखार, सांस फुलना आदि लक्षणों की जांच कर लें और लाभार्थियों के कांटेक्ट हिस्ट्री के बारे में जानें
- जब बीमार बच्चे ठीक हो जाएगें तब उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई खिलाई जाएगी
- बच्चों को जबरदस्ती दवाई न खिलाएं
- एल्बेंडाजॉल की खुली हुई दवाई को न छुएं और बच्चों को स्वयं चम्मच से खिलाएं
- शिक्षक दवाई अच्छी तरह चबाकर खाने का निर्देश दें। साफ पीने का पानी साथ रखें। बिना चूरा किए या बिना चबा कर खायी गयी एल्बेंडाजॉल दवाई का प्रभाव कम हो सकता है
- शिक्षक बच्चों के माता-पिता को डीवॉर्मिंग के मामूली दुष्प्रभावों के बारे में बताएं।
प्रतिकूल घटना (दुष्प्रभाव ) का प्रबंधन
- कुछ बच्चों के शरीर में कृमि के कारण मामली दुष्प्रभाव जैसे जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, पेट में हल्का दर्द और थकान अनुभव होने की संभावना हो सकती हैं। यह दुष्प्रभाव अस्थायी होते हैं और आम तौर पर आसानी से संभाले जा सकते हैं।
- अगर बच्चे को मामूली दुष्प्रभाव हो तो उसे खुली व छायादार जगह में लिटाकर आराम कराएं । उसे पीने का साफ पानी दें और अपनी निगरानी में रखें।
- एल्बेंडाजॉल आसानी से चबा कर खाये जाने वाली दवाई है। बिना चूरा किए या बिना चबा कर खायी गयी एल्बेंडाजॉल दवाई गले में अटक सकती है।
- चोकिंग (गले में दवाई का अटक जाना) दवाई का दुष्प्रभाव नहीं होता है।
- अगर गोली का टुकड़ा गले में अटक जाए तो बच्चे को छाती के बल अपनी गोद में लिटाएं और उसकी पीठ को हल्के से थपथपाएं जिससे कि गोली बाहर निकल जाए।
- किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए 104 टोल फ्री नंबर पर फोन करें।
- किसी भी प्रतिकूल घटना में एम्बुलेंस की सहायता हेतु 108 नंबर पर फोन करें।