कल्पित वीरवाल, 2017 में JEE Main में 360/360 अंक लाने वाले पहले व्यक्ति, जो एक रिकॉर्ड है। अब वे क्या कर रहे हैं? जानें इस आर्टिकल में।

कल्पित वीरवाल, 2017 में JEE Main में 360/360 अंक लाने वाले पहले व्यक्ति, जो एक रिकॉर्ड है। अब वे क्या कर रहे हैं? जानें इस आर्टिकल में।

मिलिए कल्पित वीरवाल से, जिन्होंने अपने JEE मेन रिकॉर्ड को एडटेक सफलता की कहानी में बदल दिया। कल्पित वीरवाल 2017 में JEE मेन में 360/360 अंक प्राप्त करने वाले पहले छात्र बने थे। लेकिन वे IIT बॉम्बे में प्लेसमेंट के लिए भी नहीं गए।

  • कल्पित वीरवाल 2017 में JEE Main में 360/360 अंक लाने वाले पहले व्यक्ति थे, जोकि एक रिकॉर्ड है।
  • आईआईटी बॉम्बे में रहते हुए उन्होंने छात्रों की मदद के लिए AcadBoost लॉन्च किया।
  • कल्पित वीरवाल ने अपने एडटेक उद्यम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए IIT बॉम्बे में प्लेसमेंट को छोड़ दिया था।

राजस्थान के उदयपुर का यह लड़का जेईई मेन में 360/360 अंक लाने वाला पहला छात्र बन गया और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा कर 2017 में इतिहास रच दिया था। यह कोई और नहीं बल्कि AcadBoost के फाउंडर कल्पित वीरवाल हैं।

Kalpit Veerwal
Kalpit Veerwal 

लाखों छात्रों के लिए जो सपना था, वह उनके लिए हकीकत बन गया। जो बात ज़्यादातर लोगों के लिए एक बड़ी उपलब्धि लग सकती है, वह एक घटनापूर्ण यात्रा की शुरुआत भर मात्र थी।

उदयपुर के एक साधारण परिवार से हुई शुरुआत

कल्पित वीरवाल का जन्म किसी खास और बड़े परिवार में नहीं हुआ था। उनके पिता पुष्कर लाल उदयपुर के महाराणा भूपाल सरकारी अस्पताल में कंपाउंडर के तौर पर काम करते थे और उनकी मां पुष्पा वीरवाल एक स्कूल में टीचर थीं। वे शिक्षा को बहुत अधिक महत्व देते थे। इसी कारण से कल्पित ने सुनिश्चित किया कि वह इसका पूरा लाभ उठाएंगे।

कोटा कोचिंग वालों से अलग, वह अपने गृहनगर में ही रहे, स्कूल, सेल्फ स्टडी और कोचिंग क्लासेस को एक नियमित दिनचर्या के साथ मैनेज किया। वह दिन में 16 घंटे पढ़ने वालों में से नहीं थे। वह कम समय में ही सुनियोजित तरीके से अपनी पढ़ाई पर अधिक फोकस करते थे।

वह कई राष्ट्रीय ओलंपियाड प्रतियोगिताओं, किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) स्कॉलर तथा राष्ट्रीय प्रतिभा खोज स्कॉलर (एनटीएसई) आदि में वह शीर्ष छात्रों में शामिल थे। 

उन्होंने 2017 में पीटीआई को बताया, "मैंने प्रतिदिन 15 घंटे पढ़ाई नहीं की, मैंने आईआईटी की तैयारी के लिए सामान्य 'कोटा मार्ग' नहीं अपनाया, लेकिन लगातार अध्ययन ने मेरी बहुत मदद की और यह दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से काम कर गया!"

आईआईटी बॉम्बे में कल्पित का जीवन

जेईई में सफल होने के बाद, कल्पित ने आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम में दाखिला ले लिया। ज़्यादातर छात्र पारंपरिक तरीके से ही आगे बढ़ते हैं - स्नातक बनना, प्लेसमेंट के लिए बैठना, उच्च वेतन वाली नौकरी पाना। लेकिन कल्पित ने ऐसा नहीं किया; कल्पित के पास कुछ और ही योजनाएँ थीं।

वह इतना पैसा कमाना चाहते थे कि वह प्लेसमेंट से पूरी तरह बच सके। उसने अपनी तैयारी की रणनीति के बारे में निबंध लिखना शुरू कर दिया। कल्पित ने अपने आपको सिर्फ पढ़ाई तक ही सीमित नहीं रखा। वह एक वरिष्ठ एनसीसी कैडेट बन गए, जिसने कठोर फायरआर्म अभ्यास, शिविर और प्रशिक्षण के बाद एनसीसी ए का सर्टिफिकेट भी हासिल किया।

आईआईटी में अपने दूसरे वर्ष में, उन्होंने एक यूट्यूब चैनल शुरू किया, जिसमें उन्होंने अपनी अध्ययन रणनीतियों और जेईई की तैयारी के टिप्स साझा किए। इस बारे में छात्रों की प्रतिक्रिया बहुत ही जबरदस्त थी। छात्रों को उनकी सलाह व्यावहारिक, प्रासंगिक और आम कोचिंग सेंटरों की सलाह से अलग लगी। 2019 में, YouTube ने AcadBoost को 100,000 सब्सक्राइबर पार करने के लिए सिल्वर प्ले बटन से सम्मानित किया। इस मांग को देखते हुए उन्होंने इसे और आगे ले जाने का निर्णय लिया।

AcadBoost का जन्म

कल्पित ने छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के लिए एक ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म AcadBoost लॉन्च किया। उन्होंने इसका विस्तार करने के लिए अपनी इंटर्नशिप भी छोड़ दी। अगले साल, उन्होंने वेबसाइट के लिए अपना पहला ऑनलाइन कोर्स तैयार किया और यह उनकी एक ज़बरदस्त सफलता थी। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस विभाग से मिले हाई सैलरी पैकेज से भी ज़्यादा पैसे कमाए। AcadBoost ने हर महीने मुनाफ़ा कमाया।

अपने अंतिम वर्ष में कल्पित ने एक साहसिक निर्णय लिया। उन्होंने अपना आईआईटी बॉम्बे कार्यक्रम एक सेमेस्टर पहले ही कर लिया। उन्होंने किसी भी प्लेसमेंट या कॉर्पोरेट जॉब हंट में न जाने का फैसला किया तथा पूरी तरह से अपनी AcadBoost Technologies में निवेश किया। वर्ष 2021 तक, लिंक्डइन ने उन्हें अपने 'टॉप वॉयस' में शामिल कर लिया। 20 बेहतरीन युवा पेशेवरों की सूची में वे सबसे कम उम्र के थे। उन्होंने TEDx के मंच पर भी अपनी यात्रा साझा की, जिसमें उन्होंने परफेक्ट JEE स्कोरर से उद्यमी बनने तक का सफर बताया।

निजी इक्विटी फर्म और एडटेक दिग्गज निवेश और अधिग्रहण की पेशकश करने के लिए आए। लेकिन कल्पित ने इनकार कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता का विकल्प चुना और कई स्रोतों से निष्क्रिय आय बनाने के लिए कई व्यवसायों, शेयरों और रियल एस्टेट में मुनाफे का पुनर्निवेश किया।

अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे

अपनी उपलब्धियों के बावजूद, कल्पित छात्रों की भलाई के बारे में मुखर रहते हैं। जब 2024 में एक अत्यधिक अध्ययन (extreme study schedule) कार्यक्रम वायरल हुआ, तो उन्होंने तुरंत इसका विरोध किया और अपनी टिप्पणियों से सुर्खियाँ बटोरीं।

उन्होंने बताया, "मैंने जेईई मेन 2017 (AIR 1) में पूरे अंक हासिल किए और आधे से भी कम पढ़ाई की। जो छात्र इतना अधिक अध्ययन करते हैं, वे आमतौर पर थक जाते हैं और कौशल संबंधी समस्याओं से जूझते हैं।"

हम जिन कई टॉपर्स के बारे में सुनते हैं, उनसे अलग, कल्पित ने खुद को सामान्य छात्र जीवन से अलग नहीं रखा। JEE की तैयारी करते समय भी, उन्होंने क्रिकेट, टीवी, बैडमिंटन और संगीत के लिए समय निकाला। कोटा कोचिंग सेंटर ने उन्हें VIP हॉस्टल और सुविधाएँ दीं, लेकिन उन्होंने उदयपुर में रहना चुना।

आज, कल्पित वीरवाल सिर्फ़ 360/360 स्कोर करने वाले लड़के से कहीं बढ़कर हैं। वे एक उद्यमी, TEDx वक्ता और पूरे भारत के छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

उनकी यात्रा यह साबित करती है कि सफलता सिर्फ अंकों के बारे में नहीं है - यह दृष्टि, रणनीति और कम यात्रा किए गए रास्ते पर चलने का साहस है।

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