प्रदेश के माध्यमिक और परिषदीय स्कूलों की विभिन्न सुविधाओं और व्यवस्थाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन होगा।

प्रदेश के माध्यमिक और परिषदीय स्कूलों की विभिन्न सुविधाओं और व्यवस्थाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन होगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक और परिषदीय स्कूलों की विभिन्न सुविधाओं और व्यवस्थाओं की गुणवत्ता का अब मूल्यांकन किया जाएगा। यह उत्तर प्रदेश विद्यालय मानक प्राधिकरण के तहत स्व मूल्यांकन होगा। 

इस मूल्यांकन के माध्यम से देखा जाएगा कि विभाग में लागू योजनाओं का कितना असर और कारगर है। पहले चरण में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हो रहा है। आगे इसे और विस्तृत किया जाएगा। 

माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस व बीएसए को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। दरअसल, पिछले दिनों हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने सभी सरकारी माध्यमिक व प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्कूल गुणवत्ता स्व-मूल्यांकन पायलट प्रोजेक्ट लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद निदेशक ने इस योजना का प्रचार करते हुए 20 जनवरी तक गूगल फॉर्म पर निर्धारित जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।

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