जिले के अंदर पारस्परिक स्थानांतरण की नीति जारी लेकिन तबादलों के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार, जानिए क्यों?
जिले के अंदर पारस्परिक स्थानांतरण की नीति जारी लेकिन तबादलों के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार, जानिए क्यों?
लखनऊ. बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय पारस्परिक तबादलों की नीति तो जारी हो गई है, लेकिन तबादलों के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। स्थानांतरण आदेश केवल सर्दी और गर्मी की छुट्टियों के दौरान ही जारी किए जा सकेंगे। यदि अभी भी तबादलों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तो इसमें समय लगेगा। तब तक सर्दी की छुट्टियां खत्म हो जाएंगी।
बेसिक शिक्षा परिषद ने 27 दिसंबर को स्थानांतरण नीति जारी की थी। इसके बाद 30 दिसंबर को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को 10 जनवरी तक शिक्षकों का विवरण पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया गया था। विवरण अपलोड होने के बाद आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
ऑनलाइन आवेदन के लिए कुछ समय दिया जाएगा। इसके बाद बीएसए को 15 दिन के अंदर इनका सत्यापन करना होगा। इसके बाद जिला स्तरीय कमेटी एक माह के अंदर अपना निर्णय लेगी। इस फैसले पर आपत्ति के लिए 15 दिन का समय देना होगा। आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएंगे। इस तरह तीन महीने बीत जायेंगे। चूंकि स्थानांतरण आदेश केवल गर्मी या सर्दी की छुट्टियों के दौरान ही जारी किए जा सकते हैं। शिक्षकों की शीतकालीन छुट्टियां 15 जनवरी को खत्म हो जाएंगी। ऐसे में उन्हें तबादलों के लिए कम से कम गर्मियों की छुट्टियों तक इंतजार करना होगा।
इस संबंध में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि शासनादेश के मुताबिक साल में दो बार पारस्परिक स्थानांतरण हो सकता है, लेकिन अधिकारियों की लेटलतीफी के कारण इसमें एक से डेढ़ साल का समय लग जाता है।
समस्या कहाँ है?
सरकार के आदेश के मुताबिक नई जगह पर ज्वाइनिंग और पुरानी जगह पर रिलीव सिर्फ गर्मी या सर्दी की छुट्टियों के दौरान ही हो सकेगा। सरकारी आदेश में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि यह प्रक्रिया केवल छुट्टियों के दौरान ही शुरू होगी. इसका मतलब यह है कि यह प्रक्रिया पूरे वर्ष में कभी भी शुरू की जा सकती है। ऐसे में अगर छुट्टियों से तीन-चार महीने पहले प्रक्रिया शुरू कर दी जाए तो साल में दो बार म्युचुअल ट्रांसफर हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है।
यह प्रक्रिया तब शुरू की जाती है जब सर्दी या गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली होती हैं। इसके चलते शिक्षकों के तबादले अगली छुट्टियों तक टल गए हैं। यदि उन छुट्टियों में देरी होती है तो अगली सर्दी या गर्मी का इंतजार करना पड़ता है। इस तरह इंतजार भी एक से डेढ़ साल तक चलता है