प्रदेश भर के 789 मृत शिक्षकों के आश्रितों को नौकरी का इंतजार, जिलों में लिपिक का पद नहीं, चपरासी बनने को राजी नहीं

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता । प्रदेशभर के 789 मृत शिक्षकों के आश्रितों को नौकरी का इंतजार है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में सेवा के दौरान इन शिक्षकों का निधन हो गया था। अधिकांश मामले इसलिए लंबित हैं क्योंकि विभाग में क्लर्क के पद खाली नहीं हैं और नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले मृतक आश्रित चतुर्थ श्रेणी के पद पर काम करने को राजी नहीं हैं। 



परिषद मुख्यालय की ओर से नियुक्ति के सभी प्रकरणों की सूचना शासन को भेज दी गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी का कहना है कि मृतक आश्रित प्रकरणों में नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है।

  • जिलों में लिपिक का पद नहीं, चपरासी बनने को राजी नहीं 
  • नियुक्ति के सभी प्रकरणों की सूचना शासन को भेजी गई 

पांच साल बीतने के कारण कई का चयन फंसा कई मामलों में निधन के पांच साल तक मृतक आश्रित की नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं करने के कारण चयन मुश्किल हो गया है। ऐसे परिजनों ने पांच साल बाद आवेदन किया जिस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है।

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