फर्जी तरीके से रिफंड पाने के लिए दावा करना दंडनीय अपराध
फर्जी तरीके से रिफंड पाने के लिए दावा करना दंडनीय अपराध
दिल्ली। आयकर विभाग ने कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को खर्चों के लिए गलत दावे नहीं करने चाहिए और न ही आय कम या बढ़ा-चढ़ाकर बतानी चाहिए, क्योंकि ऐसा करना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने से रिफंड जारी होने में भी देरी होती है।

आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। आयकर विभाग और उसके प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, 26 जुलाई तक पांच करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं। हाल ही में एक सार्वजनिक संदेश में, आयकर विभाग ने करदाताओं से समय पर रिफंड पाने के लिए अपना रिटर्न सही ढंग से और समय पर दाखिल करने के लिए कहा। विभाग ने कहा कि रिफंड दावे सत्यापन जांच के अधीन हैं, जिससे देरी हो सकती है। सही तरीके से आईटीआर दाखिल करने से रिफंड की प्रक्रिया तेज हो जाती है। किए गए दावों में किसी भी विसंगति के मामले में, संशोधित रिटर्न के लिए अनुरोध किया जाएगा।