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काशी नरेश विश्वविद्यालय में अगले सत्र से प्रवेश, भदोही को मिलेगा शिक्षा का नया केंद्र

Sir Ji Ki Pathshala

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने दो नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन विश्वविद्यालयों से जुड़े विधेयकों के मसौदे को स्वीकृति दी गई, जिन्हें अब विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। भदोही में प्रस्तावित काशी नरेश विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र 2026-27 से प्रवेश शुरू होंगे।


UP Cabinet Meeting


राजकीय पीजी कॉलेज से विश्वविद्यालय तक का सफर

भदोही स्थित काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को उच्चीकृत कर राज्य विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है। इसके बाद भदोही और आसपास के जिलों के छात्रों को उच्च शिक्षा और शोध के लिए दूसरे शहरों में भटकना नहीं पड़ेगा। विश्वविद्यालय के लिए भदोही-गोपीगंज मार्ग पर स्थित ग्राम सभा जोरई, वेदपुर और ददरहां में कुल 54.81 एकड़ भूमि एवं वहां मौजूद भवन और परिसंपत्तियां उपलब्ध कराई जाएंगी। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कृषि संकाय के लिए अतिरिक्त 15 एकड़ भूमि भी ली जाएगी।

शिक्षक और कर्मचारियों की स्थिति

वर्तमान में कॉलेज में प्राचार्य व प्रवक्ताओं के कुल 120 सृजित पद हैं, जिनमें से 82 पदों पर प्रवक्ता कार्यरत हैं। वहीं समूह ‘ग’ के 31 पदों में से 13 और चतुर्थ श्रेणी के 58 पदों में से 11 कर्मचारी कार्यरत हैं। कुल मिलाकर एक माह के वेतन पर करीब 1.45 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। विश्वविद्यालय बनने के बाद ये सभी सृजित पद विश्वविद्यालय के पद माने जाएंगे और महाविद्यालय के पद समाप्त कर दिए जाएंगे।

कर्मचारियों को मिलेगा विकल्प

यहां कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को विकल्प दिया जाएगा कि वे नए विश्वविद्यालय में सेवा देना चाहते हैं या नहीं। इसके साथ ही अन्य राजकीय डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को भी यहां नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा। वर्तमान स्टाफ एक वर्ष या वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अपने पदों पर कार्य करता रहेगा।

शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय

इसी क्रम में शाहजहांपुर में मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट की सभी पांच इकाइयों को उच्चीकृत कर ‘स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय’ की स्थापना की जाएगी। इस संबंध में राज्य सरकार और मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट के मुख्य अधिष्ठाता के बीच पहले ही एमओयू हो चुका है।

इन दोनों विश्वविद्यालयों की स्थापना से न केवल स्थानीय छात्रों को बेहतर शैक्षिक अवसर मिलेंगे, बल्कि संबंधित क्षेत्रों में शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति मिलेगी।

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