पहला वेतन आयोग भारत में 1946 में गठित किया गया था और यह मई 1947 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस आयोग की अध्यक्षता श्रीनिवास वरदाचार्य ने की थी। इसके बाद वेतन आयोगों का गठन समय-समय पर होता रहा, जिनका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की वेतन संरचना, भत्तों और सेवा शर्तों की समीक्षा करना होता है।
वेतन आयोगों का कार्यकाल और प्रारंभिक तिथियां इस प्रकार हैं:
- पहला वेतन आयोग: 1 जुलाई 1947
- दूसरा वेतन आयोग: 1 जुलाई 1959
- तीसरा वेतन आयोग: 1 जनवरी 1973
- चौथा वेतन आयोग: 1 जनवरी 1986
- पांचवां वेतन आयोग: 1 जनवरी 1996
- छठा वेतन आयोग: 1 जनवरी 2006
- सातवां वेतन आयोग: 1 जनवरी 2016
- आठवां वेतन आयोग: 1 जनवरी 2026 (यह वेतन आयोग अभी लागू होना शेष है)
पहले वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन ₹55 प्रति माह निर्धारित किया था और अधिकतम ₹2000 प्रति माह। यह आयोग जीवन निर्वाह योग्य वेतन ("Living Wage") देने की अवधारणा पर आधारित था।

हर वेतन आयोग के माध्यम से कर्मचारियों के वेतन में समय-समय पर वृद्धि और सुधार किया गया है, जो कि देश की बढ़ती महंगाई और आर्थिक स्थिति के अनुसार होता रहा है। आठवां वेतन आयोग भी इसी तरह की समीक्षा कर अपनी सिफारिशें तैयार करेगा, जिनका उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों तथा पेंशनरों के जीवन स्तर में सुधार करना है।

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