नकल माफियाओं के मंसूबे नाकाम करने के लिए विशेषज्ञ बना रहे चार प्रश्नपत्र, दो छपवा रहा आयोग
नकल माफियाओं के मंसूबे नाकाम करने के लिए विशेषज्ञ बना रहे चार प्रश्नपत्र, दो छपवा रहा आयोग
प्रयागराज। नकल माफियाओं के मंसूबे नाकाम करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद संशोधित गजट जारी किया गया है। जिस पर अमल करते हुए अब प्रत्येक परीक्षा के लिए चार प्रश्नपत्र बनवाए जा रहे हैं। इन्हीं में से किसी दो प्रश्न पत्र को आयोग छपवाता है।
पूर्व की व्यवस्था में विशेषज्ञों से तीन प्रश्नपत्र बनवाए जाते थे और उनमें से सिर्फ किसी एक को ही छपवाकर परीक्षा कराई जाती थी। 11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा का पेपरलीक होने के बाद किया गया यह बदलाव अहम माना जा रहा है। बदली व्यवस्था के अनुसार पिछले दिनों आरओ/एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के अलावा दूसरी परीक्षाएं कराई भी जा चुकी हैं। अब प्रत्येक परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र चार ऐसे विशेषज्ञों से बनवाए जा रहे हैं जो अलग-अलग स्थान के रहने वाले हों। चारों विशेषज्ञ से अलग-अलग लिफाफे में मिले सीलबंद प्रश्नपत्रों को परीक्षा नियंत्रक मॉडरेटर्स (अनुसीमकों) को जांच के लिए देते हैं। मॉडरेटर चारों प्रश्नपत्रों की जांच के बाद अलग-अलग लिफाफों में रखकर अपनी मुहर लगाते हैं।
परीक्षा नियंत्रक इनमें से किन्हीं दो प्रश्न-पत्रों को मुहरबंद लिफाफा खोले बिना चुनकर उसे दो भिन्न-भिन्न प्रिंटिंग प्रेस (मुद्रणालय) को भेजते हैं। प्रिंटिंग प्रेस प्रश्नपत्रों की प्रूफ रीडिंग के साथ प्रश्नपत्र छापते और परीक्षा नियंत्रक की ओर से गई सूचना के मुताबिक सभी परीक्षा केन्द्रों के लिए अलग-अलग रंग/गोपनीय कोड में प्रश्न-पत्रों का पैकेट तैयार कर अपनी मुहर लगाते हैं। प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रिंटिंग प्रेस की है। इस बदलाव का उद्देश्य लोक सेवा आयोग की ओर से संचालित परीक्षाओं को अधिक कुशलतापूर्वक, त्रुटिरहित, निष्पक्ष एवं गुणवत्तापूर्वक तरीके से कराना है।