विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के तहत शिक्षकों की भूमिका एवं स्कूल स्तर पर की जाने वाली गतिविधियां

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के तहत शिक्षकों की भूमिका एवं स्कूल स्तर पर की जाने वाली गतिविधियां

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के तहत शिक्षकों की भूमिका एवं स्कूल स्तर पर की जाने वाले गतिविधियां इस तरह से हैं - 

  • अध्यापकों द्वारा अभिभावकों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाए कि यूनिफॉर्म हेतु उपलब्ध कराई गई धनराशि से पूरी बाजू की कमीज तथा फुल लेंथ की पैण्ट ही यूनिफॉर्म के रूप में छात्रों को उपलब्ध कराई जाए।
  • शिक्षक दिमागी बुखार, अन्य वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों तथा एक्यूट डायरियल डिजीजेज (दस्त रोग) से बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु अभिभावकों को संवेदीकृत करेंगे तथा सुरक्षित पीने का पानी, शौचालय का प्रयोग, खुले में शौच के नुकसान पर जोर देंगे तथा हर बुखार खतरनाक हो सकता है, बुखार के कारण क्या हैं, बुखार होने पर "क्या करें, क्या ना करें" के विषय में विस्तार से चर्चा करेंगे।
  • क्लोरिनेशन डेमो, पेयजल को उबालना, साबुन से हाथ धोना, शौचालय का प्रयोग इत्यादि के विषय में छात्रों एवं अभिभावकों को जागरुक करना ।
  • विद्यालय में छात्रों के बुखार, दस्त रोग इत्यादि से प्रभावित होने की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय कर्मियों (आशा, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर इत्यादि) अथवा चिकित्साधिकारियों को सूचना उपलब्ध कराना
  • स्कूल प्रबन्धन समिति के सदस्यों का उनकी मासिक बैठक में दिमागी बुखार एवं अन्य संचारी रोगों पर संवेदीकरण करें।
  • शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकों के वितरण के समय अभिभावकों का संवेदीकरण किया जायेगा। 
  • पोस्टर प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, क्विज प्रतिस्पर्धा, निबंध लेखन इत्यादि माध्यमों से छात्रों को रोगों से बचाव, पर्यावरणीय स्वच्छता एवं व्यक्तिगत स्वच्छता के विषय में सक्रिय सहभागिता के साथ जागरूक करना, शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए गतिविधि कैलेंडर के अनुसार गतिविधियों का संचालन।
  • दिमागी बुखार, अन्य वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों तथा एक्यूट डायरियल डिजीजेज (दस्त रोग) से बचाव संबंधी प्रचार-प्रसार सामग्री को स्कूल में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करना ।

संचारी रोग नियंत्रण अभियान के लांच हेतु चिन्हित गतिविधियाँ

जनसामान्य में अधिकतम प्रभाव के लिए सभी गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा दिनांक 01 जुलाई 2025 से अभियान को प्रारम्भ किया जाए। सभी सरकारी विभाग इस हेतु अपने विभाग से संबंधित गतिविधियों की सूचना दिनाँक 28 जून, 2025 को आयोजित द्वितीय अंतर्विभागीय बैठक में अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दें।

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