UPS Vs OPS Vs NPS : 1,10,000 रुपये अंतिम मूल वेतन और 28 वर्ष की सेवा पर कौन सी पेंशन योजना बेहतर?
UPS Vs OPS Vs NPS : 1,10,000 रुपये अंतिम मूल वेतन और 28 वर्ष की सेवा पर कौन सी पेंशन योजना बेहतर?
एक सरकारी कर्मचारी, जिसका अंतिम मूल वेतन 1,10,000 रुपये और पेंशन योग्य सेवा अवधि 28 वर्ष है, के लिए ओपीएस (OPS), यूपीएस (UPS), और एनपीएस (NPS) योजनाओं के तहत अनुमानित पेंशन की गणना यहां दी गई है। आइए तुलना करें कि कौन सी योजना सबसे अधिक पेंशन देती है।
आइए समझे इस विश्लेषण के माध्यम से कि आखिर कौन सी पेंशन स्कीम अधिक फायदेमंद होगी किसी भी कर्मचारी के लिए ?
1. पुरानी पेंशन (OPS) के तहत पेंशन
- आधार: पिछले 10 महीनों के औसत मूल वेतन पर गणना।
- अनुमानित मूल पेंशन = ₹55,000 (मूल वेतन का 50%)
- DA सहित कुल पेंशन = ₹55,000 + 53% = ₹84,150
- मूल पारिवारिक पेंशन = ₹33,000 (मूल वेतन का 30%)
- DA सहित कुल पेंशन = ₹33,000 + 53% = ₹50,490
2. यूपीएस (UPS) के तहत पेंशन
- आधार: मूल वेतन का 50% और महंगाई राहत (DA)।
- अनुमानित मूल पेंशन = ₹55,000
- DA सहित कुल पेंशन = ₹55,000 + 53% = ₹84,150
- एकमुश्त राशि (Gratuity): ₹9,42,480 (मूल वेतन × 28 वर्ष ÷ 4)
- मूल पारिवारिक पेंशन = ₹33,000
3. एनपीएस (NPS) के तहत पेंशन
- आधार: कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान + निवेश रिटर्न।
- मान्यताएं:
- मासिक योगदान: पहले वर्ष ₹11,000 (मूल वेतन का 10%), हर साल 5% वृद्धि।
- निवेश रिटर्न: सेवानिवृत्ति तक 9.18% (वार्षिक), सेवानिवृत्ति के बाद 6.75%।
- अनुमानित सेवानिवृत्ति कोष: ₹2,57,40,856
- मासिक पेंशन: कोष को 20 वर्षों में बांटने पर = ₹57,917 (₹2,57,40,856 ÷ 240 महीने)
तुलना: कौन सी योजना बेहतर?
पैरामीटर | OPS | UPS | NPS |
---|---|---|---|
मूल पेंशन (DA से पूर्व) | ₹ 55,000 | ₹ 55,000 | ₹ 57,917 |
DA सहित पेंशन | ₹ 84,150 | ₹ 84,150 | लागू नहीं |
एकमुश्त राशि | नही | ₹ 9,42,480 | नही |
जोखिम | न्यूनतम | न्यूनतम | बाजार पर निर्भर |
(नोट: एनपीएस पेंशन निवेश रिटर्न पर निर्भर है, इसलिए यह अनुमानित है। इसके तहत रिटायरमेंट पर कुल जमा का 60% रकम आप ले सकते हैं।)
निष्कर्ष:
ओपीएस/यूपीएस: DA के साथ ₹84,150 मासिक पेंशन मिलती है, साथ ही यूपीएस में एकमुश्त राशि का लाभ।
एनपीएस: बाजार रिटर्न के आधार पर ₹57,917 मासिक पेंशन, लेकिन कोष पूरी तरह आपके नियंत्रण में होता है।
सर्वोत्तम विकल्प: यदि स्थिरता चाहते हैं, तो ओपीएस/यूपीएस बेहतर। अगर लंबे समय में अधिक रिटर्न चाहिए और जोखिम ले सकते हैं, तो एनपीएस चुनें।
निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।