बेसिक शिक्षा विभाग में वित्तीय घोटाले के मामले में चार वित्त एवं लेखाधिकारी को नोटिस, विभाग में मची खलबली।

बेसिक शिक्षा विभाग में वित्तीय घोटाले के मामले में चार वित्त एवं लेखाधिकारी को नोटिस, विभाग में मची खलबली।

अमेठी। बेसिक शिक्षा विभाग में हुए वित्तीय घोटाले के मामले में वित्त एवं लेखाधिकारी समेत कुल आठ लोगों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। सभी के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। वहीं, शिक्षक संगठनों ने इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मामला बताते हुए डीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। अमर उजाला समाचार पत्र में घोटाले से संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद से विभाग में खलबली मची हुई है।

वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से विभिन्न खातों में 1.75 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। इस संबंध में डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गयी है। कार्यालय से गायब रहने पर बाबू मनोज कुमार मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखा पदाधिकारी कार्यालय में 2018 से अब तक कुल चार लोग कार्यभार संभाल रहे हैं। जिसमें जांच टीम ने सभी को नोटिस देने की कार्रवाई की है। वहीं, जांच टीम में सदस्य बनाये गये वरिष्ठ कोषाधिकारी से भी जवाब मांगा गया है। इसके अलावा वर्तमान एओ किशन गुप्ता, पूर्व एओ श्रीराम मौर्य, रामेंद्र कुमार मौर्य को भी नोटिस भेजा गया है। मामले में वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में तैनात चार शिक्षकों को भी नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। साथ ही सभी से बैंक स्टेटमेंट भी मांगा गया है।

वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में घोटाले का मामला बुधवार को पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। इस बात को लेकर लोग चर्चा करते रहे। अब इस मामले में विभागीय अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। डीएम निशा अनंत का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।

लम्बे समय से चल रहा था खेल

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष अशोक मिश्र ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल लंबे समय से चल रहा था। जिसके लिए संगठन द्वारा कई बार जिला स्तरीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, इसके बाद भी समय पर जांच शुरू नहीं हो सकी है।

शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन

 डीएम को ज्ञापन सौंपा गया है। उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अब्दुल रशीद ने ज्ञापन में कहा है कि तीन सदस्यीय समिति में वरिष्ठ कोषाधिकारी रामेंद्र कुमार भी शामिल हैं, जिनके पास 29 अगस्त 2023 से 2 जुलाई 2024 तक वित्त एवं लेखाधिकारी का प्रभार था। 3 जुलाई 2024 को किशन गुप्ता को वित्त एवं लेखाधिकारी का प्रभार सौंपा गया था। ज्वाइनिंग के कुछ समय बाद किशन गुप्ता छुट्टी पर चले गए थे, जिसके बाद कुछ समय के लिए फिर से कार्यभार वर्तमान वरिष्ठ कोषाधिकारी रामेंद्र कुमार को दे दिया गया था। ऐसे में उन्हें कमेटी से हटाया जाना चाहिए।

एरियर की बकाया धनराशि का हुआ प्रेषण 

सूत्रों के मुताबिक, बकाया राशि अलग-अलग बैंक खातों में भेज दी गई है। पहले शिक्षकों और संविदा कर्मचारियों के बैंक खातों में पैसा भेजा गया, बाद में पैसा वापस कर उनके बीच बांट दिया गया।

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