अगले वर्ष मार्च के अंत तक परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति होने के आसार, योगी सरकार ने सभी बीएसए से मांगी वरिष्ठता सूची।

अगले वर्ष मार्च के अंत तक परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति होने के आसार, योगी सरकार ने सभी बीएसए से मांगी वरिष्ठता सूची।

अगले वर्ष मार्च के अंत तक बेसिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार कर नये शिक्षण सत्र में उनकी पदोन्नति कर दी जायेगी। पिछले नौ वर्षों से शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं होने पर एक के बाद एक विभिन्न अदालतों से लगातार फटकार मिलने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके तहत योगी सरकार ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अपने जिलों के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची अगले साल जनवरी के अंत तक पूरी तरह तैयार कर भेजने का निर्देश दिया है। राज्य में करीब 4.59 लाख प्राथमिक शिक्षक हैं।

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पिछले नौ वर्षों से अटकी है पदोन्नति

वरिष्ठता सूची की जांच और उस पर आई आपत्तियों का निस्तारण कर मार्च के अंत तक योग्य शिक्षकों के प्रमोशन के आदेश जारी किए जाने की पूरी संभावना है। शिक्षकों की पदोन्नति नहीं होने से प्रदेश के 70 फीसदी से अधिक प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापकों के सहारे चल रहे हैं। दरअसल, राज्य के प्राइमरी स्कूलों में आखिरी बार प्रमोशन 2015 में हुआ था। इससे पहले प्रमोशन जिला स्तर से होता था। ऐसे में कई जिले ऐसे हैं जहां विभिन्न विवादों के कारण 15 वर्षों से प्रमोशन नहीं हुआ है। इसके कारण राज्य के लगभग 70 प्रतिशत स्कूलों में स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं हैं और वे कार्यवाहक प्रधानाध्यापकों के सहारे चल रहे हैं। नौ साल पहले हुई ज्यादातर पदोन्नतियां वरिष्ठता संबंधी विवादों में उलझी हुई हैं।

विवाद के कारण तीन जिलों में प्रोन्नति रद्द 

वरिष्ठता विवाद के चलते हाईकोर्ट के निर्देश पर हाल में तीन जिलों में प्रमोशन रद्द कर दिए गए थे। ये जिले हैं-बुलंदशहर, सहारनपुर और सोनभद्र। इन तीनों जिलों में मुख्य विवाद वरिष्ठता निर्धारण को लेकर था। जिन शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दी गयी, उनमें वरिष्ठता का निर्धारण कार्यभार ग्रहण तिथि के आधार पर किया गया, जिसके खिलाफ कुछ शिक्षक न्यायालय चले गये। उन्होंने कहा कि वरिष्ठता का निर्धारण नियुक्ति तिथि से किया जाना चाहिए। इनमें कुछ शिक्षक ऐसे भी थे जिनकी नियुक्ति सीधे उच्च प्राथमिक में हुई थी। इन सभी ने कोर्ट में केस भी दायर किया। अतः एक ही मामले में तीन पक्ष थे। जिस पर कोर्ट ने सरकार को तय नियमों के आधार पर वरिष्ठता का निर्धारण कर मामले का निर्णय करने का निर्देश दिए था।

राज्य में 4.59 लाख प्राथमिक शिक्षक हैं

प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कुल 4,59,450 शिक्षक हैं। इनमें से 3,38,590 शिक्षक प्राथमिक विद्यालयों में हैं जबकि 1,20,860 शिक्षक उच्च प्राथमिक विद्यालयों में हैं। इसी प्रकार, प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1,11,614 है जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 45,651 है।

पदोन्नति मुद्दा सदन में भी कई बार उठ चुका है

शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला विधान परिषद में भी कई बार उठ चुका है। हर बार सरकार ने आश्वासन दिया कि इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। अब वह इस पर फैसला लेने जा रही है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार भी पदोन्नति होगी या फिर एक बार वरिष्ठता के फेर में फिर से अदालतों के द्वार तक जाकर रुक जाएगी।

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