कर्मचारी चयन आयोग की अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं से पिछले तीन साल में 68 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी मिली।

प्रयागराज, कर्मचारी चयन आयोग की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के माध्यम से पिछले तीन वर्षों में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के माध्यम से यूपी और बिहार के 68 हजार से अधिक युवाओं को नौकरियां मिली हैं। खास बात यह है कि इस आंकड़े में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर चयन शामिल नहीं है। अगर इन दोनों भर्तियों को भी जोड़ दिया जाए तो नौकरी पाने वाले युवाओं की संख्या और बढ़ जाएगी।वैसे तो आयोग की कई भर्तियां होती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चयन इसकी दो भर्तियों कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल रिक्रूटमेंट (सीजीएल) और कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल (सीएचएसएल) के जरिए होता था। पिछले आठ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2016-17 से 2020-21 तक छह वित्तीय वर्षों में जहां 26,303 युवाओं को नौकरियां मिलीं, वहीं 2021-22 से 2023-24 के तीन वर्षों में तीन गुना से भी अधिक, 68,281 युवाओं को नौकरियां मिलीं। युवाओं को केंद्र सरकार में नौकरियां मिलीं. विभिन्न विभागों, मंत्रालयों और कार्यालयों में नौकरियां मिलीं। इन आठ सालों में यूपी और बिहार के छह करोड़ (60066599) से ज्यादा युवाओं ने एसएससी भर्ती के लिए आवेदन किया है और इस दौरान 96831 अभ्यर्थियों को नौकरी मिली है।

इतना ही नहीं, पिछले आठ सालों में एसएससी ने 126 से ज्यादा भर्तियां पूरी की हैं। खास बात यह है कि पूरे देश में एसएससी भर्ती के लिए सबसे ज्यादा आवेदन मध्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दो राज्यों यूपी और बिहार से आते हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो में मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) और हवलदार भर्ती 30 सितंबर से शुरू हुई। यूपी-बिहार में ही 2024 में रिकॉर्ड 17,93,680 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं, यानी कुल 57,44,713 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। देश. 31.22 प्रतिशत है।

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