Nipun Bharat : मूल्यांकन का आधार बनेगी व्यावहारिक पक्ष की समझ, अब मार्च 2027 तक हासिल करना होगा निपुण लक्ष्य
Nipun Bharat : मूल्यांकन का आधार बनेगी व्यावहारिक पक्ष की समझ, अब मार्च 2027 तक हासिल करना होगा निपुण लक्ष्य
निपुण भारत मिशन के तहत विभिन्न जिलों में आयोजित हो रही परीक्षा में बच्चों के व्यावहारिक पक्ष की समझ, समझकर पढ़ने और लेखन को भी मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने निपुण लक्ष्य में इस बार अहम बदलाव किया है। खास बात यह है कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (NCF) के अनुरूप मूल्यांकन को विकसित किया गया है ताकि बच्चों का समग्र एवं वास्तविक मूल्यांकन हो सके।
उदाहरण के लिए कक्षा दो के छात्र की मौखिक भाषा दक्षता का मूल्यांकन कोई भी परिवेशीय या सुनी हुई छह पंक्तियों की कविता या गीत हाव-भाव के साथ सुनाने के आधार पर करेंगे। सरल शब्दों से बने छह से आठ वाक्यों के आयु उपयुक्त अज्ञात अनुच्छेद को उचित प्रवाह, स्पष्टता से पढ़ना और तीन तथ्यात्मक तथा एक उच्चस्तरीय प्रश्न का उत्तर देने के आधार पर पढ़ने की क्षमता का मूल्यांकन करेंगे।
पांच सरल शब्दों से बने चार वाक्यों को सुनकर लिखना पर लेखन कार्य, 99 तक की संख्या की गिनती, पहचान एवं तुलना और 99 तक की संख्याओं का जोड़ एवं घटाव करना (हासिल और बिना हासिल वाले सवाल) के आधार पर न्यूमेरिकल दक्षता परखेंगे।
भाषा और गणित में निर्धारित दक्षताओं पर 75 प्रश्नों के सही उत्तर देने पर विद्यार्थी को निपुण विद्यार्थी घोषित किया जाएगा। परियोजना कार्यालय के वरिष्ठ विशेषज्ञ गुणवत्ता शिक्षा आनंद कुमार पांडेय के अनुसार NCF के परिप्रेक्ष्य में निपुण लक्ष्य में अहम बदलाव किए गए हैं।
अब मार्च 2027 तक हासिल करना होगा निपुण लक्ष्य
प्री प्राइमरी से कक्षा तीन के बच्चों के निपुण लक्ष्य हासिल करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है। पहले मार्च 2026 तक निपुण बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। इसे अब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मार्च 2027 तक बढ़ा दिया गया है।