हाईकोर्ट के बाद योगी सरकार का फैसला, सरकार फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी।

हाईकोर्ट के बाद योगी सरकार का फैसला, सरकार फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी।

69000 शिक्षक भर्ती मामले में योगी सरकार ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने रविवार को बैठक बुलाई थी। सरकार फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी। शिक्षक भर्ती के लिए नई मेरिट लिस्ट बनेगी। योगी ने कहा कि आज मुझे बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में माननीय न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से अवगत कराया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी एवं माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के आलोक में विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण सुविधा का लाभ मिलना चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इस मामले में रविवार को अपने सरकारी आवास पर उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को कोर्ट के फैसले के सभी तथ्यों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण सुविधा का लाभ मिलना चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय और बेसिक शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के अलावा न्याय विभाग के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक पर अभ्यर्थियों के अलावा सभी दलों की निगाहें टिकी थीं। इससे पहले हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 1 जून 2020 को जारी 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा-2019 की चयन सूची और 5 जनवरी 2022 को जारी 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची को नजरअंदाज कर नई चयन सूची तैयार करने का आदेश दिया था। इस संबंध में कोर्ट ने एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के आदेश को संशोधित करते हुए यह भी निर्णय दिया कि सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित मेरिट में आने के बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में ही 'माइग्रेट' किया जाएगा।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए गए ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ क्षैतिज आरक्षण में भी देना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने इसी भर्ती परीक्षा के लिए 5 जनवरी 2022 को 6800 अतिरिक्त आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की चयन सूची खारिज करने के एकल पीठ के फैसले में हस्तक्षेप न करते हुए नई सूची जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। समस्त कार्यवाही तीन महीने में पूरा करने का निर्देश कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया है।

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि अगर नई सूची तैयार करने के दौरान वर्तमान में कार्यरत कोई अभ्यर्थी प्रभावित होता है तो उसे सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो. यह निर्णय न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने महेंद्र पाल और अन्य सहित 90 विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। इन अपीलों में एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के फैसले को चुनौती दी गई थी

Next Post Previous Post
sr7themes.eu.org