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अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों की ग्रेच्युटी / उपादान से संबंधित जिज्ञासाओं की विस्तृत जानकारी

Sir Ji Ki Pathshala

अनेक प्रधानाचार्य शिक्षक साथियों ने ग्रेच्युटी/उपादान के सम्बन्ध में अनेक जिज्ञासा/पृच्छा कर उत्तर देने का आग्रह किया है, उनका उत्तर निम्नवत हैः-


Gratuity



प्रश्न-(1)- क्या ग्रेच्युटी की सुविधा, एन.पी.एस. योजना से आच्छादित शिक्षक/कर्मचारियों को भी है?
उत्तर- हाँ, शासन द्वारा उक्त शिक्षक/कर्मचारियों को भी शासनादेश- दिनांक-06 अक्टूबर 2016 से ग्रेच्युटी की सुविधा अनुमन्य कर दी गयी है।


प्रश्न-(2)- क्या ग्रेच्युटी सभी को देय होती है?
उत्तर- नहीं, ग्रेच्युटी केवल उन्हीं शिक्षकों को मिलती है, जो 60 की आयु पर सेवा निवृत होने का विकल्प लेते है।।


प्रश्न-(3)- 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त होने का क्या आशय है? क्योंकि सेवानिवृत्ति की आयु तो 62 वर्ष है?

उत्तर- माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अध्याय तीन के विनियम 21 के अनुसार प्रत्येक प्रधानाचार्य व शिक्षक की सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष है, किन्तु शासनादेश संख्या-395/15-8-99/3003(78)/90 दिनांक-17 फरवरी 1999 के अनुसार कोई प्रधानाचार्य अथवा शिक्षक अपनी सेवानिवृत्ति के एक वर्ष पूर्व अर्थात जिस शैक्षिक वर्ष में उसकी सेवानिवृति होगी, उसके अन्तिम दिन तक, विकल्प परिवर्तित कर सकता है। इस प्रकार प्रधानाचार्य व शिक्षक 62 वर्ष की आयु पर सेवा निवृत होने वाले विकल्प को 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्त होने के विकल्प में परिवर्तित कर सकता है। शिक्षा निदेशक(मा) के आदेश संख्या-सा(1)/शि./3301-95/2005-06, दिनांक 23/06/2005 द्वारा स्पष्ट किया गया है कि एक वर्ष में स्वंतः सेवा विस्तरण अवधि भी सम्मिलित है।


प्रश्न-(4)- ग्रेच्युटी की अधिकत्तम सीमा क्या है?
उत्तर- ग्रेच्युटी, जिसे उपादान भी कहते हैं, की वर्तमान में अधिकत्तम सीमा ₹20,00000/ है किन्तु मँहगायी भत्ता 50% हो जाने के कारण यह सीमा ₹25,00000/ कर दी गई।।


प्रश्न-(5)- यह कितने प्रकार की होती है?
उत्तर- ग्रेच्युटी तीन प्रकार की क्रमशः, सेवा निवृति, मृत्यु तथा सर्विस ग्रेच्युटी प्रकार की होती है।।


प्रश्न-(6)- उक्त सभी प्रकार की ग्रेच्युटी में क्या अन्तर है?
उत्तर- अधिवर्षता, स्वैच्छिक/अनिवार्य सेवानिवृत्ति होने पर देय ग्रेच्युटी को सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, तथा सेवारत मृत्यु होने पर देय ग्रेच्युटी, मृत्यु ग्रेच्युटी तथा 10 वर्ष से कम अर्हंकारी सेवा होने पर पेशन के स्थान पर देय ग्रेच्युटी को सर्विस ग्रेच्युटी कहते हैं।।


प्रश्न-(7)- सेवानिवृत्ति / मृत्यु ग्रेच्युटी का आकलन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर- उक्त दोनों प्रकार की ग्रेच्युटी का आकलन, सेवा निवृति/मृत्यु के दिनांक को मूल वेतन तथा उस पर देय मँहगायी भत्ता के योग में कुल सेवा अवधि के आधी अवधि का गुणा करने पर प्राप्त राशि ही देय ग्रेच्युटी राशि होती है, परन्तु मृत्यु ग्रेच्युटी अर्हकारी सेवा अवधि के आधार पर होती हैं।


प्रश्न-(8)- शिक्षक/कर्मचारी के सेवाकाल में मृत्यु होने पर ग्रेच्युटी किसे मिलती हैं?
उत्तर- उक्त स्थिति में ग्रेच्युटी का भुगतान शिक्षक/कर्मचारी द्वारा अपने सेवाकाल में भरे गये नामांकन के अनुसार किया जाता है, नामांकन के अभाव में, पति या पत्नी, पुत्र (सोतला तथा गोद ली गयी सन्तान सहित), अविवाहित पुत्री, विवाहित पुत्री, विधवा पुत्री, 24 वर्ष से कम आयु के भाई, अविवाहित बहनें, माता-पिता तथा पूर्व मृत पुत्र की सन्तानें में देय ग्रेच्युटी राशि को बराबर बराबर बाँटा जायेगा।


प्रश्न-(9)- क्या मृत्यु ग्रेच्युटी का भुगतान हेतु परिवार से बाहर के सदस्य को अधिकृत किया जा सकता हैं?
उत्तर- नहीं।


प्रश्न-(10)- क्या नामांकन के अभाव में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर ग्रेच्युटी का भुगतान किया जा सकता है?
उत्तर- नहीं।


प्रश्न-(11)- क्या ग्रेच्युटी की राशि पर आयकर लगता है?
उत्तर- प्रत्येक प्रकार की ग्रेच्युटी की धनराशि आयकर से मुक्त होतीं है।।


-- अयोध्या प्रसाद अग्रवाल


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