लखनऊ। देशभर के परिषदीय शिक्षक संगठनों में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किए जाने के विरोध में असंतोष बढ़ता जा रहा है। अलग-अलग संगठनों के विरोध के बाद अब अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी मोर्चा खोल दिया है। संघ ने 11 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
शनिवार को राजधानी लखनऊ स्थित डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन में हुई संघ की राष्ट्रीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद टीईटी को सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य बनाया गया है, जिससे पहले से कार्यरत शिक्षकों की सेवा सुरक्षा पर संकट खड़ा हो गया है।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की गई। पांडेय ने कहा कि यह आदेश उन शिक्षकों के साथ अन्याय है जो वर्षों से विद्यालयों में ईमानदारी से सेवा दे रहे हैं। संघ ने सरकार से मांग की है कि टीईटी अनिवार्यता के निर्णय को निरस्त किया जाए और शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।


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