लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षण सेवा में बने रहने और पदोन्नति के लिए अनिवार्य करने के फैसले के बाद देशभर के शिक्षक संगठनों में विरोध तेज हो गया है। विभिन्न संगठन नवंबर–दिसंबर में दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। इसी क्रम में नौ राज्यों के शिक्षक संगठनों के समन्वय से बने टीचर फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) ने अब अपनी महारैली की नई तिथि 5 दिसंबर घोषित की है।
पहले यह रैली 21 नवंबर को प्रस्तावित थी, जिसकी घोषणा टीएफआई ने दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में की थी। लेकिन नवंबर के अंत में आयोजित होने वाले सिख समुदाय के राष्ट्रीय कार्यक्रम जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है, को देखते हुए दिल्ली प्रशासन ने इस महीने किसी भी बड़े धरना-प्रदर्शन की अनुमति रद्द कर दी।
टीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए रैली की नई तिथि तय की गई है। उन्होंने कहा कि देशभर के शिक्षक प्रतिनिधियों से संपर्क अभियान चलाया जा रहा है और रैली को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी तेज है।
डॉ. शर्मा ने स्पष्ट किया कि रैली का मुख्य उद्देश्य टीईटी लागू होने (27 जुलाई 2011) से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को अनिवार्यता से मुक्त करवाना है। उनका कहना है कि लाखों शिक्षकों को इसमें राहत मिलनी चाहिए, क्योंकि नियुक्ति के समय टीईटी शर्त नहीं थी और अब इसे थोपना न्यायोचित नहीं।


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