उत्तर प्रदेश में 22 वर्षों के बाद फिर से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 को समाप्त होगा। इस अभियान के तहत प्रदेश के लगभग 1.62 लाख बूथों पर पूरे देश के 12 राज्यों में यह कार्यवाही की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो। इस प्रक्रिया में घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन किया जाएगा, और नए नाम जोड़े जाएंगे, साथ ही गलत नाम हटाए जाएंगे। इसकी तैयारी के लिए सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
प्रक्रिया के अनुसार, 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक तैयारी और प्रपत्र मुद्रण का कार्य होगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसम्बर तक बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाता प्रपत्र वितरित करेंगे। 9 दिसम्बर को मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जहां से दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू होगी। ये विवाद 8 जनवरी 2026 तक निस्तारित होंगे। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी।
उत्तर प्रदेश में लगभग 15.44 करोड़ मतदाता हैं, और इस अभियान के सफल संचालन के लिए अधिकारीयों को जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं। यह पुनरीक्षण न केवल वोटर लिस्ट की शुद्धता को बढ़ाएगा, बल्कि वोटर डुप्लीकेशन से भी रक्षा करेगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं से सक्रिय सहयोग की अपील की है।


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