स्थानांतरण / समायोजन सूची की गंभीर विसंगतियाँ - एक सच जो अनदेखा नहीं किया जा सकता!
स्थानांतरण / समायोजन सूची की गंभीर विसंगतियाँ - एक सच जो अनदेखा नहीं किया जा सकता!
- स्थानांतरण सूची में दोनों ही शासनादेशों (स्थानांतरण नीति व पूर्व आदेश) का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है।
- एकल व बंद विद्यालयों से शिक्षकों की तैनाती कर दी गई, जो शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासनिक निर्देशों का सरासर उल्लंघन है। ट्रांफ़सर उपरांत बहुत से स्कूल बंद या एकल हो गए।
- कई UPS विद्यालयों में एक ही विषय के एक से अधिक अध्यापक नियुक्त कर दिए गए हैं, जिससे अन्य विषयों की अनदेखी हुई है।
- UPS के विकल्प फॉर्म में विषयवार चयन का कोई प्रावधान नहीं था, जिससे शिक्षकों को उचित विकल्प चुनने का अवसर ही नहीं मिला।
- अनेक शिक्षकों को दिए गए विकल्पों में से कोई भी विद्यालय आवंटित नहीं किया गया, जबकि उनके द्वारा चुने गए विद्यालय आज भी रिक्त पड़े हैं।
- वरिष्ठता की पूरी तरह अनदेखी करते हुए कनिष्ठ शिक्षक को विद्यालय आवंटित कर दिया गया है, जो सेवा नियमों के विपरीत है।
- अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में ऐसे शिक्षकों को प्रधानाध्यापक नियुक्त किया गया है, जो न्यूनतम पात्रता (शैक्षणिक व भाषाई) भी पूर्ण नहीं करते — यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है।
📌 अब समय है संगठित होकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने का।
✍🏻 यदि आप भी इन बिंदुओं से प्रभावित हैं या आपके साथ भी ऐसा अन्याय हुआ है, तो हमारे साथ जुड़ें और इसे साझा करें।
न्याय के लिए एकजुट हों — क्योंकि चुप्पी, अन्याय की सबसे बड़ी ताक़त होती है।
धन्यवाद
आवेश विक्रम सिंह
टीम राणा