स्कूल मर्जर को लेकर अधिकारियों के तानाशाहपूर्ण रवैये का प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध
स्कूल मर्जर को लेकर अधिकारियों के तानाशाहपूर्ण रवैये का प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध
बंद कमरे में बैठकर मात्र संख्या के आधार पर विद्यालय बंद करने वाले जमीनी हक़ीक़त से कोसों दूर हैं ।युग्मन या पेयरिंग जैसे शब्दों का प्रयोग करके बंद विद्यालय को छिपा नहीं सकते ।अब अभिभावकों या ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर आ रहा है ।विद्यालय बंद होने से छात्र दूसरे विद्यालय में नहीं जा रहे हैं जिससे उपस्थिति गिर रही है ।जोकि विद्यालय बंद करने की नीति की विफलता बता रही है ।आँख मूँद कर काम करने वाले अधिकारी इस नीति की विफलता पर पर्दा डालने के लिये शिक्षकों पर दबाव बना रहे हैं कि वो छात्र को उसके घर से बुला कर लायें और इसके लिए शिक्षक को नोडल अधिकारी का नाम दिया जा रहा है ।शिक्षकों की मंच से आलोचना करके उन्हें अपमानित किया जाता है लेकिन जब उनसे ग़ैर शैक्षणिक कार्य लेना होता है तो उनके आगे अधिकारी लगाया जाता है जैसे नोडल अधिकारी ,बूथ लेवल अधिकारी,मतदान अधिकारी इत्यादि ।शिक्षक की नियुक्ति पढ़ाने के लिए हुई है ।घर घर से बच्चे बुलाने के लिये नहीं हुई है ।वार्ता में जिन नामचीन विद्यालयों से तुलना की जाती है क्या उन स्कूलों के प्रिंसिपल घर चक्कर लगाते हैं?शिक्षा को बर्बाद किया जा रहा है ।शिक्षक को 75% से कम उपस्थिति पर वेतन रोकने के पत्र जारी किए जा रहे हैं ।यह ताना शाही है ।इसके विरोध में जल्द ही शिक्षक राजधानी लखनऊ में आंदोलन करेंगे।
- डॉ दिनेश चन्द्र शर्मा

बंद कमरे में बैठकर मात्र संख्या के आधार पर विद्यालय बंद करने वाले जमीनी हक़ीक़त से कोसों दूर हैं ।युग्मन या पेयरिंग जैसे शब्दों का प्रयोग करके बंद विद्यालय को छिपा नहीं सकते ।अब अभिभावकों या ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर आ रहा है ।विद्यालय बंद होने से छात्र दूसरे विद्यालय में नहीं… pic.twitter.com/2ZFlYNyuuJ
— Dr Dinesh Chandra Sharma (@DrDCSHARMAUPPSS) July 21, 2025