केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से सात गुना कम है माध्यमिक शिक्षा परिषद के परीक्षकों का भत्ता

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से सात गुना कम है माध्यमिक शिक्षा परिषद के परीक्षकों का भत्ता

माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले परीक्षकों को पारिश्रमिक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षकों से सात गुने से भी कम मिल रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद मूल्यांकन केन्द्र तक आने जाने का प्रति परीक्षक सिर्फ 35 रुपये वाहन खर्च और 25 रुपये नाश्ता का देता है। इतनी महंगाई में यह बहुत कम पारिश्रमिक है। जबकि परीक्षकों का रोजाना किराए व पेट्रोल में 100 और नाश्ते में 50 से अधिक खर्च हो जा रहा है। वहीं सीबीएसई अपने परीक्षक को रोज का 250 रुपये वाहन और 75 रुपये नाश्ते का देता है। बता दें कि पारिश्रमिक अक्तूबर 2024 का बढ़ा हुआ है। जबकि इससे पहले यह और कम था।

लखनऊ के पांच केन्द्रों पर बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा रही हैं। परिषद ने मूल्यांकन के लिये 3500 परीक्षकों की ड्यूटी लगायी है। इनमें से औसतन 1700 परीक्षक मूल्यांकन कर रहे हैं। बहुत से परीक्षकों के घर से मूल्यांकन केन्द्रों की दूरी 25 से 50 किमी. है। बाइक से मूल्यांकन केन्द्र तक रोज आने जाने में 100 से अधिक रुपये पेट्रोल में खर्च हो जा रहे हैं। वाहन से जाने पर इससे ज्यादा का खर्च आ रहा है। यूपी बोर्ड हाईस्कूल की प्रति कॉपी जांचने का 14 व इंटर में 15 रुपये देता है। जबकि सीबीएसई 10 वीं 25 और 12 वीं में 30 रुपये प्रति कॉपी देता है। सबसे ज्यादा दिक्कतें वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को हैं जिन्हें स्कूल से सम्मानजनक वेतन भी नहीं मिलता है।

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