मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, आदि के बचाव के संबंध में संशोधित आदेश देखें।
मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, आदि के बचाव के संबंध में संशोधित आदेश देखें।
बरसात के मौसम में जलभराव वाले जगहों पर मच्छरों के पनपने के कारण मौसमी बीमारियों यथा डेंगू एवं मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है । विद्यालय में अध्ययनरत् छात्र - छात्राओं को डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव किया जाना आवश्यक है। इनके नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु यह आवश्यक है कि परिषदीय विद्यालयों के प्रागंण के साथ-साथ उसके आस-पास की जगहों पर साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था की जाये ।
इस सम्बन्ध में निम्नलिखित बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही किए जाने के सम्बंध में महानिदेशक महोदय ने निर्देश दिए हैं, जो इस प्रकार से हैं-
विद्यालयों के लिए निर्देश
- विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति की बैठक एवं अध्यापक-अभिभावक बैंठकें आयोजित कर सभी अभिभावकों को बरसात के मौसमी बीमारियों एवं डेंगू के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए प्रेरित किया जाए कि वे अपने पाल्यों को इस मौसम से अनिवार्य रूप से फुल आस्तीन की शर्ट एवं पेंट पहनाकर की विद्यालय भेंजें ।
- समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी, ए०आर०पी०, एस०आर०जी० एवं प्रधानाध्यापक यह सुनिश्चित करें कि विद्यालयों में जलभराव की समस्या तो नहीं हैं, यदि है तो जल निकासी का उचित प्रबन्धन करते हुए दवा का छिडकाव करावें ।
- विद्यालय के गमलों, टायरों, बोतलों, आदि में लगाये गये पौधों में भी पानी एकत्रित नहीं हो इसका ध्यान रखा जायें।
- यदि सम्भव हो तो मच्छरों से सम्बन्धित फागिंग (छिड़काव ) करायी जायें। इस सम्बन्ध में स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए सहयोग प्राप्त किया जा सकता है।
- अध्यापकों को यह निर्देशित किया जाए कि वे विद्यालय अवधि के पूर्व या उपरान्त अभिभावकों से उनके घर जाकर सम्पर्क करें और व्यक्तिगत रूप से उन्हें प्रेरित करें कि वे अपने पाल्यों को मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु अनिवार्य रूप से फुल यूनीफार्म पहनाकर ही विद्यालय भेंजें। यदि किसी बच्चे या अभिभावक को बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द आदि के लक्षण होने पर तत्काल निकट के स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्पर्क स्थापित करें या डाक्टर को बुलाते हुए चिकित्सीय परीक्षण एवं उपचार कराया जाये ।
जनपद स्तरीय अधिकारियों के लिए निर्देश
- जनपद स्तर पर समाचार पत्रों एवं विभिन्न मीडिया के माध्यम से व्यापक स्तर पर निःशुल्क विज्ञप्तियाँ आदि प्रकाशित कराकर पर्याप्त प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए कि डेंगू के बढ़ते प्रकोप से बचाव के लिए छात्र - छात्राएँ बरसात में फुल आस्तीन का कुर्ता एवं सलवार तथा छात्र फुल आस्तीन की शर्ट एवं पेंट पहनकर ही विद्यालय आयें ।
- अन्तर्विभागीय समन्वय से पंचायत स्तर पर कार्यरत अन्य विभाग के कर्मियों यथा : लेखपाल, पंचायत सचिव, ए०एन०एम०, आशा कार्यकत्री, आँगनवाड़ी कार्यकत्री आदि एवं ग्राम प्रधानों तथा स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों के माध्यम से अभिभावकों को प्रेरित किया जाए कि वे अपने पाल्यों को मच्छरों से बचाव हेतु अनिवार्यतः फुल आस्तीन की शर्ट एवं पेंट क्रय करें तथा उन्हें पहनाकर ही भेंजें ।
- पंचायती राज विभाग के सहयोग से ग्राम प्रधानों की ब्लॉक स्तर पर बैठकें आयोजित कर उन्हें अपने-अपने ग्राम पंचायतों में अभिभावकों को बरसामी बीमारियों एवं डेंगू से बचाव किये जाने तु प्रेरित करने को कहा जाए। इसी प्रकार बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से माताओं को उक्त कार्य हेतु प्रेरित किया जाए ।
- माँ समूह, स्वयं सहायता समूह एवं अन्य गैर सरकारी संगठन तथा अभिभावकों के साथ चर्चा कर विद्यालय में नामांकित बच्चों का प्रत्येक दिन स्कूल यूनिफार्म में विद्यालय भेजना तथा डी०बी०टी० के माध्यम से प्राप्त धनराशि से बच्चों के उपयोगार्थ सामग्री का क्रय करने हेतु प्रेरित किया जाए।
- जनपद स्तर पर बैठकें कर अभिभावकों को डेंगू मच्छर से बचाव के सम्बन्ध में प्रेरित करने हेतु रणनीतियाँ तैयार की जाए और उन्हें क्रियान्यित करते हुए अभिभावकों को प्रेरित किया जाए।



