बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में उपलब्ध कराए गए दो लाख से अधिक टैबलेट अब डिब्बे से बाहर निकलेंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा अभी हाल में ही सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल सिम और डेटा की व्यवस्था करने के आदेश भी जारी किए हैं। जिन जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती जाएगी, वहां के बीएसए के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों को टैबलेट और डाटा उपलब्ध कराने के लिए महानिदेशक कंचन वर्मा ने अभी कुछ दिन पहले ही यह आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक दो टैबलेट के लिए कुल 4800 रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है। इसके लिए शासन स्तर से धनराशि भी जारी कर दी गई है।
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के उपयोग के लिए उपलब्ध कराए गए टैबलेट के उपयोग के लिए सिम कार्ड और इंटरनेट की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कंपोजिट स्कूल ग्रांट के माध्यम से व्यवस्था करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। जिसमें 200 रूपये प्रति टेबलेट प्रति विद्यालय (800 रूपये/दो टेबलेट प्रति विद्यालय) की दर से 2 माह के लिए राशि जारी की गई है। शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए सिम कार्ड एवं इंटरनेट सुविधा के लिए कंपोजिट स्कूल ग्रांट से एक टैबलेट के लिए अधिकतम 2400 रुपये तथा दो टैबलेट के लिए अधिकतम 4800 रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है, जिसे नियमानुसार समायोजित किया जाएगा। विद्यालय को प्राप्त समग्र राशि। नियत समय में विद्यालय अनुदान से किया जाना है।
शिक्षक स्वयं बताएं कि कौन सा नेटवर्क बेहतर है
सिम खरीदते समय शिक्षकों को खुद बताना होगा कि उनके स्कूल में किस कंपनी का नेटवर्क ठीक से उपलब्ध है। तभी स्थानीय स्तर पर मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सिम खरीदी जाएगी। यदि किसी जिले में देरी होती है तो इसके लिए बीएसए जिम्मेदार होंगे।
इस स्थिति में शिक्षकों को मिलेगी छूट
आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के अलग-अलग शिक्षक संगठन हैं। ऐसे संगठन जो राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त हैं, उनके पदाधिकारियों को आधिकारिक तौर पर बातचीत करने की शर्तों से छूट दी जायेगी। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कार्मिक अनुभाग-4 की ओर से जारी आदेश के मुताबिक राज्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों को छूट दी गई है। लेकिन इसके लिए जब भी उन्हें सरकार या जिला स्तर पर किसी अधिकारी से बात करने का समय मिलेगा तो उन्हें इसकी सूचना पहले ही खंड शिक्षा अधिकारियों को देनी होगी। उस आधार शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को छूट दी जा सकती है।


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