सेना से रिटायर होने वाले अग्निवीरों को विद्यालयों में खेल शिक्षक के पद पर नियुक्त करने की तैयारी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार अगले वर्ष सेना से सेवानिवृत्त होने वाले राज्य के अग्निवीर सैनिकों को माध्यमिक विद्यालयों में खेल शिक्षक के पद पर नियुक्त करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से इस संबंध में सुझाव मांगे हैं। विभाग के सुझाव के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल जायेगी। फिलहाल माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रदेश में खेल शिक्षकों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष रिक्त पदों का डाटा जुटाने में लगा हुआ है। राज्य के करीब 740 माध्यमिक विद्यालयों में एक भी खेल शिक्षक नहीं हैं।



प्रदेश के 620 से अधिक माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 2400 छात्रों के लिए केवल एक खेल शिक्षक है। स्कूल शिक्षक: सहायता प्राप्त स्कूल अपने खेल के मैदानों का तेजी से व्यवसायीकरण कर रहे हैं और धन की कमी के कारण स्कूलों में खेल उपकरण भी नहीं खरीदे जा रहे हैं। इससे स्कूलों में खेल का माहौल खत्म होता जा रहा है। खेल-कूद या पीटी शिक्षकों की कमी के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है. वैसे तो प्रत्येक छात्र से 5 रुपये प्रति माह खेल शुल्क लिया जाता है, लेकिन खेल उपकरण महंगे होने के कारण यह शुल्क ऊंट के मुंह में तिनके के समान हो गया है।

प्रदेश में 76 फीसदी स्कूलों में खेल शिक्षक नहीं हैं। जहां हैं वहां मानक के अनुसार नहीं हैं। यह स्थिति तब है जबकि 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में हर विद्यार्थी को स्पोर्ट्स की 50-50 अंकों के थ्योरी और आंतरिक परीक्षा अनिवार्य रूप से उत्तीर्ण करना होता है।

सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखकर अभी से अग्निवीरों के लिए प्रदेश में सरकारी नौकरी में भी बेहतर समायोजन की सम्भावना तलाशनी शुरू कर दी है। इसी परिप्रेक्ष्य में यूपी पुलिस और पीएसी के बाद अब स्कूलों में स्पोर्टस टीचर के पद पर भी अग्निवीरों को समायोजित करने की सम्भावना खोजी जा रही है।

चूंकि अग्निवीरों को सेना में शारीरिक दक्षता (फिजिकल ट्रेनिंग) और खेल-कूद का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) मिलता है लिहाजा सरकार माध्यमिक स्कूलों में पीटी अथवा स्पोर्टस टीचर के पदों पर अग्निवीरों को नियुक्त करना चाहती है। इससे सरकार के दो काम आसान हो जाएंगे। पहला अग्निवीरों का समायोजन का रास्ता साफ हो जाएगा। वहीं स्कूलों को प्रशिक्षित गेम, पीटी या स्पोर्टस टीचर मिल जाएंगे।


कोर्ट की फटकार के बाद जागी सरकार

स्कूलों में खेलकूद की कोई सुविधा नहीं होने तथा स्पोर्टस टीचर का पद रिक्त रहने या मानक के हिसाब से बेहद कम संख्या में होने का मामला कोर्ट में उठाया गया था। कोर्ट ने इसके लिए सरकार को फटकार लगाई। इसके बाद शासन से लेकर विभागीय स्तर पर हुई कवायद के बाद यह सुझाव दिया गया कि जिन स्कूलों में खेल के मैदान नहीं हैं, वहां पास के पार्कों या खाली पड़ी सरकारी भूमि को स्कूलों को खेलकूद के लिए आवंटित कर दिया जाए। साथ ही खेल शिक्षक के पदों को संविदा अथवा आउटसोर्सिंग से शीघ्र भरा जाए।

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